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    पंचकूला के गगनदीप हत्याकांड में संदीप को उम्रकैद, बहन से अवैध संबंध के शक में की थी हत्या

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 06:23 PM (IST)

    पंचकूला जिला न्यायालय ने 2019 के गगनदीप हत्याकांड में संदीप कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर हत्या और सबूत मिटाने के आरोप थे। संदीप ने गगनदीप पर दरांत से हमला किया था क्योंकि उसे संदेह था कि गगनदीप का उसकी बहन के साथ संबंध था। अदालत ने संदीप पर जुर्माना भी लगाया है जिसे न भरने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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    2019 गगनदीप हत्याकांड: आरोपित संदीप को सुनाई गई उम्रकैद की सजा।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला जिला एवं सत्र न्यायालय ने 2019 के बहुचर्चित गगनदीप हत्याकांड में दोषी करार दिए गए बठिंडा निवासी संदीप कुमार उर्फ सिप्पू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने हत्या के अलावा सबूत मिटाने के आरोप में भी उसे दोषी ठहराया है। दोषी को कुल दो अलग-अलग सजाएं दी गई हैं।

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    धारा 302 आईपीसी के तहत हत्या के लिए उम्रकैद और 50,000 रुपये जुर्माना, जबकि धारा 201 आईपीसी के तहत सबूत मिटाने के लिए तीन साल का कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना अलग से लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे क्रमशः एक वर्ष और तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी और पहले से जेल में बिताया गया समय सजा में जोड़ा जाएगा।

    यह था मामला

    यह मामला 10 अगस्त 2019 का है। आरोपित संदीप अपने पुराने परिचित और मित्र गगनदीप सिंह से मिलने बठिंडा से पंचकूला आया था। गगनदीप सेक्टर-26 स्थित अपने घर में रहता था, जहां संदीप ने रात बिताई। अगले दिन उसने गगनदीप से अनुरोध किया कि वह उसे जीरकपुर बस स्टैंड छोड़ दे।

    गगनदीप उसे अपनी कार से लेकर निकला, लेकिन ताऊ देवी लाल स्टेडियम के पीछे पहुंचते ही संदीप ने धारदार हथियार दरांत से उस पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोप के अनुसार, संदीप ने गगनदीप पर 18 से 20 वार किए, जिनमें गर्दन, बाजू, सिर और चेहरे पर गहरे प्रहार शामिल थे। सिर पर गंभीर चोट लगने से गगनदीप की मौके पर ही मौत हो गई।

    हत्या के पीछे यह थी वजह

    हत्या के पीछे की कहानी बेहद सनसनीखेज है। घटना से तीन दिन पहले संदीप को पता चला कि उसकी बहन जीरकपुर के एक होटल में एक युवक के साथ ठहरी थी। उसने रिश्तेदार की बेटी से पूछताछ की तो पता चला कि उस युवक का कद-काठी गगनदीप सिंह से मेल खाता है, जो पहले बठिंडा के रामपुराफूल में संदीप के घर के पास रहता था और उससे भाई जैसा संबंध रखता था।

    संदेह के बाद संदीप होटल पहुंचा और होटल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें उसकी बहन के साथ गगनदीप नजर आ गया। यह देखकर उसने गगनदीप की हत्या की ठान ली। संदीप ने होटल से निकलने के बाद रिश्तेदार और उनकी बेटी को बस से घर भेजा और खुद मनीमाजरा पहुंचकर 200 रुपये में नारियल काटने वाला दरांत खरीदा।

    हथियार को बैग में रखकर वह गगनदीप के पंचकूला स्थित घर पहुंचा और वहीं ठहर गया। रात में हत्या का मौका न मिलने पर अगले दिन उसने गगनदीप से कहा कि वह उसे जीरकपुर छोड़ दे। ताऊ देवी लाल स्टेडियम के पास कार रोकते हुए संदीप ने गगनदीप से बहन के साथ संबंधों पर सवाल किया। गगनदीप ने पहले इंकार किया, लेकिन जब संदीप ने बताया कि उसने सीसीटीवी में सब देखा है, तो गगनदीप घबरा गया।

    माहौल हल्का करने के लिए गगनदीप ने सिगरेट पीने का सुझाव दिया और कार रोक दी। गगनदीप जैसे ही सिगरेट का कश लगाकर दूसरी ओर मुड़ा, संदीप ने बैग से दरांत निकालकर उसकी गर्दन पर पहला वार किया। लहूलुहान गगनदीप भागा तो संदीप ने उसकी बाजू पर वार किया, जिससे वह कटकर अलग हो गई।

    इसके बाद उसने करीब 18-20 वार और किए। मौके पर मौजूद कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो संदीप ने उन्हें दरांत दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और वहां से फरार हो गया था।