SYL मामले में BJP के साथ आए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, कहा- 'पीएम से मुलाकात के लिए CM मनोहर बुलाएं सर्वदलीय बैठक'
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाईएल मामले (SYl Case) में बीजेपी का साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर हरियाणा का हक लेने के लिए हम भाजपा के साथ है। इसमें पंजाब से बात करना बेमायने हैं इसके लिए सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) को सीधे पीएम से मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑल पार्टी मीटिंग की भी मांग की है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाईएल (SYL) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से ऑल पार्टी मीटिंग (सर्वदलीय बैठक) बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर का निर्माण और पानी देने के लिए सिर्फ पंजाब पर निर्भर रहना उचित नहीं है।
हरियाणा के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी पहले आ चुका है। इस फैसले को लागू कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। हरियाणा की भाजपा सरकार को केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए।
राज्य भर की मंडियों का दौरा कर चंडीगढ़ पहुंचे भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एसवाईएल पर हरियाणा की भाजपा सरकार जो भी स्टैंड लेगी, हम उनका समर्थन करेंगे, लेकिन खाली पंजाब को दोषी बनाने से काम नहीं चलेगा। भाजपा सरकार को एसवाईएल का पानी हासिल करने के लिए मजबूत स्टैंड लेना होगा। एसवाईएल को लेकर 2016 में हरियाणा के पक्ष में फैसला आ चुका है। तब से लेकर आज तक ऑल पार्टी मीटिंग तक नहीं बुलाई गई।
एसवाईएल मुद्दे पर क्या बोले पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा
उन्होंने कहा कि तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री से मिलने का समय लेंगे, लेकिन आज तक समय ही नहीं लिया गया है। पंजाब सरकार द्वारा एसवाईएल के लिए किसानों की अधिगृहीत जमीन वापस करने से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जमीन डी-नोटिफाई करने के पंजाब सरकार के फैसले पर स्टे कर दिया था। हम पंजाब का हक थोड़े ही मांग रहे हैं। हम अपना हक ले रहे हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह तुरंत ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएं, जिससे केंद्र पर अपना हक प्राप्त करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
पोर्टल व्यवस्था पर पूर्व सीएम हुड्डा ने खड़े किए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने राज्य की अधिकतर मंडियों का दौरा किया है। सब जगह हालात बहुत खराब हैं। किसान अपनी फसल बेचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। बासमती धान का निर्यात बंद है, इसलिए बासमती उत्पादक किसानों को कम रेट मिल रहे हैं। मंडियों में एमएसपी से साढ़े तीन सौ रुपये क्विंटल कम पर धान बिका है, क्योंकि सरकारी खरीद 25 सितंबर से आरंभ हो पाई थी, जबकि मंडियों में धान की आवक 10 सितंबर से आरंभ हो चुकी थी। यदि समय से खरीद आरंभ होती तो किसान को एमएसपी से अधिक रेट मिलते। मंडियों में किसानों की लाइन लगी हुई है। पोर्टल इसका बड़ा कारण है। पोर्टल व्यवस्था लागू कर हर व्यक्ति को सरकार ने लाइन में खड़ा कर दिया है।
सरकार से हर वर्ग परेशान: भूपेंद्र सिंह हुड्डा
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा राज में सिर्फ बीमा कंपनियों को लाभ हुआ है, जो कि 37 हजार करोड़ रुपये है। राज्य पर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है, लेकिन इस सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है। सरकार से हर वर्ग परेशान है। अस्पताल में जाओ तो डॉक्टर नहीं, स्कूल में मास्टर नहीं और सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी नहीं, क्योंकि उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। आशा वर्कर्स से आज तक कोई बात नहीं की। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि जब कोई आंदोलन करता है तो उससे बात की जाए। उन पर लाठियां बरसाई गई। मनरेटा मेट के आंदोलनकारी कर्मचारियों से भी कोई बात नहीं की गई है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में सरकार ही नहीं है।
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