मनोहर लाल ने साधा जातीय संतुलन, हरियाणा कैबिनेट में पांच मंत्री जाट, दलित-पिछड़ों के साथ पंजाबी-वैश्य का मेल
वर्ष 2024 में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए राज्य की कैबिनेट तैयार हो गई है। मनोहर लाल की कैबिनेट में पांच मंत्री जाट हैं जबकि दलित पिछड़ो ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। गत दिवस हुआ मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री की इसी सोच की तरफ इशारा कर रहा है। मुख्यमंत्री की कैबिनेट में अब जहां पूरे हरियाणा को प्रतिनिधित्व मिला हुआ है, वहीं जातीय संतुलन भी साधा गया है। जजपा कोटे से देवेंद्र बबली के मंत्री बनने के बाद मनोहर कैबिनेट में अब पांच जाट मंत्री हो गए हैं।
इन पांच जाट मंत्रियों में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और देवेंद्र बबली तो जजपा कोटे से हैं, जबकि रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय विधायकों के कोटे से मंत्री हैं। भाजपा कोटे से कृषि मंत्री जेपी दलाल और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व मनोहर कैबिनेट में कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं पंजाबी हैं। गृह मंत्री अनिल विज भी पंजाबी हैं। दोनों ही बड़े चेहरे हैं। मनोहर कैबिनेट में दो पंजाबियों के होने से इस समुदाय का सरकार में जबरदस्त प्रतिनिधित्व हो गया है।
ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा कर रहे हैं। उन्हें ब्राह्मण समाज में खूब मान दिया जाता है। सरल और सौम्य व्यवहार के मूलचंद शर्मा मुख्यमंत्री की गुडबुक के नेता हैं। खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए भाजपा के लिए पंजाब और उत्तर प्रदेश में बड़ा सिख चेहरा बनते जा रहे हैं। ओबीसी वर्ग से शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर मुख्यमंत्री की कैबिनेट में शामिल हैं। सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल दलित और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव अहीर समुदाय का प्रतिनिधित्व मनोहर कैबिनेट में कर रहे हैं। जजपा कोटे के राज्य मंत्री अनूप धानक पिछड़े वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि कमलेश ढांडा को महिलाओं के प्रतिनिधित्व के रूप में भी कैबिनेट में सम्मान हासिल है।
मनोहर कैबिनेट में हालांकि राजपूतों की कमी खल रही है, लेकिन वैश्य समुदाय की बड़ी आबादी के चलते करीब दो साल बाद डा. कमल गुप्ता को मंत्री बनाने के रूप में इस कमी को पूरा किया गया है। हालांकि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी वैश्य समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी वैश्य समुदाय में कमल गुप्ता से कहीं अधिक पकड़ है। इसी तरह विधानसभा उपाध्यक्ष के तौर पर रणबीर गंगवा पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जातीय संतुलन के हिसाब से मनोहर कैबिनेट को यदि परफेक्ट मंत्रिमंडल कहा जाए तो कोई हर्ज नहीं होगा।
सीएम बदलाव न होने का पहले ही दे चुके थे संकेत
अपनी कैबिनेट के पुराने मंत्रियों को न हटाने की मुख्यमंत्री की सोच पहले से ही थी। एक प्रेस कान्फ्रेंस में मंत्रियों को बदले जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी कैबिनेट में सबकी सामूहिक जिम्मेदारी होती है। जिस तरह क्रिकेट टीम में सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन को एक टीम के प्रदर्शन के रूप में आका जाता है, उसी तरह वह अपने मंत्रिमंडल की टीम के कार्यों तथा प्रदर्शन से संतुष्ट हैं।
कमल गुप्ता को वित्त तो बबली को खाद्य आपूर्ति मंत्रालय मिलने की उम्मीद
हरियाणा सरकार के दोनों नए कैबिनेट मंत्रियों डा. कमल गुप्ता व देवेंद्र बबली को किसी भी समय मंत्रालय आवंटित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री निवास पर मंगलवार देर रात तक चली बैठक में दोनों मंत्रियों को दिए जाने वाले मंत्रालयों पर अंतिम चर्चा हुई। भाजपा कोटे के मंत्री डा. कमल गुप्ता को वित्त मंत्रालय मिलने की उम्मीद है।
चिकित्सक होने के नाते डा. कमल गुप्ता की इच्छा है कि उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय मिले, लेकिन अनिल विज से यह मंत्रालय लेना मुश्किल हो रहा है। कमल गुप्ता की निगाह शहरी स्थानीय निकाय मंत्रालय पर भी है, लेकिन यह मंत्रालय भी अनिल विज के ही पास है, इसलिए मंत्रालयों के आवंटन पर देर रात तक पेंच फंसा रहा।
जजपा कोटे के मंत्री देवेंद्र बबली को खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय मिलना तय है। यह मंत्रालय डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। देवेंद्र बबली को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भी मिलने के आसार हैं। उनकी निगाह उद्योग मंत्रालय पर भी है। चर्चा इस बात की भी है कि अनिल विज से गृह मंत्रालय लेकर सीएम इसे अपने पास रखेंगे, लेकिन उनकी नाराजगी मोल लेने का रिस्क है। दूसरी तरफ केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत समर्थक कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल और राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव भी चाहते हैं कि उनके मंत्रालयों में बढ़ोतरी की जाए।

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