5 नाके, फ्लाइंग स्क्वाड और कैमरों से मॉनिटरिंग; पंचकूला में अवैध माइनिंग कंट्रोल के लिए उच्च स्तरीय बैठक
पंचकूला में अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए पुलिस कमिश्नर ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक योजना बनाई है। जिले में पाँच विशेष नाके स्थापित किए गए हैं और ई-रवाना प्रणाली का सख्ती से पालन किया जाएगा। फ्लाइंग स्क्वायड और संयुक्त टीमें लगातार निगरानी रखेंगी, और अनुमति से अधिक खनन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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अवैध माइनिंग कंट्रोल के लिए उच्च स्तरीय बैठक। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पंचकूला। जिले में अवैध माइनिंग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से पंचकूला पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज की अध्यक्षता में सेक्टर-1 पंचकूला स्थित जिला सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
पुलिस विभाग व जिला प्रशासन के संबंधित विभागों के अधिकारियों के समन्वय से अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार कर उस पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार जिले में पांच विशेष नाके स्थापित किए गए हैं, जिनकी रियल-टाइम कैमरा मानिटरिंग की जाएगी ताकि खनन से जुड़े वाहनों की आवाजाही पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। ई-रवाना प्रणाली के तहत एक रसीद पर केवल एक ही वाहन को खनन क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति होगी।
इसके अतिरिक्त अवैध माइनिंग की रोकथाम के लिए फ्लाइंग स्कवायड का गठन किया गया है। एसीपी और एसडीएम की अगुवाई में संयुक्त टीमें पिंजौर, कालका, रायपुर रानी और चंडीमंदिर क्षेत्रों में फ्लाइंग दस्ते का नेतृत्व करेंगे। दो इंस्पेक्टर-रैंक के पुलिस अधिकारी और माइनिंग विभाग के अधिकारी विशेष निगरानी दल में रहेंगे, जबकि संवेदनशील इलाकों में कमांडो यूनिट की भी ड्यूटी लगाई गई हैं।
पुलिस कमिश्नर ने नियमित चैकिंग के लिए गैर-सरकारी वाहनों को भी उपयोग में लाने के आदेश दिए हैं। पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि किसी भी खनन साइट पर अनुमति से अधिक माइनिंग पाई जाती है, तो संबंधित माइनिंग परमिशन को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
इंफोर्समेंट विभाग की एक विशेष टीम 24 घंटे राउंड पर रहेगी, जबकि थाना प्रभारी और तहसीलदार की संयुक्त टीमें नियमित निरीक्षण करेंगी। स्वयं पुलिस कमिश्नर प्रतिदिन कार्रवाई की रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे।
बैठक में पंचकूला जिला उपायुक्त सतपाल शर्मा, डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता, एसीपी स्तर की अधिकारी, इंफोर्समेंट विभाग के अधिकारी, सिविल प्रशासन के अधिकारी, एसएचओ, माइनिंग अधिकारी तथा आरटीए प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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