Farmers Protest: 'हठ छोड़कर किसानों से बात करे सरकार...', आंदोलन के बीच सरकार को भूपेंद्र हुड्डा का सुझाव
Farmers Protest पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए। हुड्डा ने यह भी कहा है कि किसान कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि वे केवल वादा याद दिला रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 16 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी सेहत लगातार गिर रही है। सरकार को हठधर्मिता छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। मांगों का समाधान कर तुरंत अनशन खत्म करवाना चाहिए।
अपने निवास पर वीरवार को पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा किसान कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं। वह केवल वादा याद दिला रहे हैं, जो केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को खत्म कराते समय किसानों से किया था।
किसान चाहते हैं कि उन्हें एमएसपी की गारंटी मिले और यह मांग पूरी तरह जायज है। उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकना प्रजातंत्र विरोधी कदम है।
किसान की आवाज दबाने की बजाय सरकार को बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए। सभी को प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने या अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन प्रदेश सरकार किसानों से यह अधिकार छीन रही है। किसानों ने बिना ट्रैक्टर-ट्राली के दिल्ली जाने की बात मान ली है। ऐसे में उनको रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।
'प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब'
गुरुग्राम के क्लब में बम धमाके पर हुड्डा ने कहा कि इससे प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रत्येक सरकार की पहली जिम्मेदारी अपने नागरिकों की सुरक्षा करना होता है।
भाजपा जब से सत्ता में आई है, उसने अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह मुंह फेर रखा है। यही वजह है कि हरियाणा में अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज प्रत्येक हरियाणवी खुद को असुरक्षित महसूस करता है।
केंद्र ने नहीं की वार्ता: सरवन सिंह पंढेर
उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी मांग पर बातचीत के लिए केंद्र की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
पंढेर ने कहा कि दिल्ली आंदोलन 2.0 को शुरू हुए 305 दिन हो चुके हैं और 'अमर अनशन' को सात दिन हो चुके हैं। मंत्री गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमें सरकार की बातचीत करने की मंशा के बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। सरकार किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है। मैं सभी से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करता हूं। उन्होंने बताया कि 101 किसानों का एक समूह 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेगा।
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