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हरियाणा में फसल खराबी की भरपाई के लिए पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं किसान

हरियाणा में बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा किसान अपने स्तर पर भी पोर्टल पर फसलों में हुए नुकसान की जानकारी दे सकते हैं। इससे न पटवारियों की मनमर्जी नहीं चलेगी।

By JagranEdited By: Kamlesh BhattPublished: Tue, 27 Sep 2022 05:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 05:18 PM (IST)
हरियाणा में फसल खराबी की भरपाई के लिए पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं किसान
फसल खराबी पर आनलाइन मुआवजे का आवेदन कर सकते हैं किसान। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लौटते मानसून की लगातार बारिश से फसलाें को भारी नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन करने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष गिरदावरी के निर्देश जारी कर दिए हैं। बेशक गिरदावरी होगी और पटवारियों की रिपोर्ट भी आएगी, लेकिन किसान अपने स्तर पर भी पोर्टल पर फसलों में हुए नुकसान की जानकारी दे सकते हैं। इससे न पटवारियों की मनमर्जी चलेगी और न किसानों को यह शिकायत रहेगी कि उनके यहां गिरदावरी सही नहीं की गई।

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बरसात से जिन किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हुई है, वे किसान 72 घंटों के अंदर-अंदर ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/farmer/ पर नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण कराया हुआ है, वे क्षतिपूर्ति के लिए सीधे ही फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकते हैं। इससे उन्हें मुआवजे के लिए कृषि विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण नहीं कराया है, उन किसानों को भी ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल का लाभ मिलेगा। पोर्टल पर किसान द्वारा आवेदन करने पर पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर से अपना-अपना लागिन करेंगे। वह फसल नुकसान के लिए किसान के आवेदन को देख सकेंगे। फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नंबर का फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। इसके बाद एसडीएम अपने लागिन से इसका सत्यापन करेंगे।

जल निकासी के लिए युद्धस्तर पर काम

खेतों और शहरों में हुए जलभराव से निपटने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर काम शुरू हो गया है। सभी उपायुक्तों को रिहायशी क्षेत्रों में जमा पानी को मोटर पंपों की मदद से तुरंत प्रभाव से निकलवाने के निर्देश दिए गए हैं। खेतों में जमा पानी को 15 अक्टूबर तक निकालने का लक्ष्य दिया गया है ताकि किसानों को रबी फसलों की बुवाई में किसी प्रकार की परेशानी न आए।

वित्तायुक्त राजस्व ने दी झज्जर का माडल अपनाने की नसीहत

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त वीएस कुंडू ने मंगलवार को सभी जिलाें के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। जलभराव से निपटने की त्वरित कार्रवाई के लिए झज्जर प्रशासन की सराहना करते हुए कुंडू ने कहा कि जिले में जिस तेजी से रिहायशी व कृषि क्षेत्रों में जल निकासी के पुख्ता प्रबंध किए गए, उसी तर्ज पर दूसरे जिलों में भी कार्य किया जाना चाहिए।


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