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    हरियाणा में किसानों की मौज, CM नायब सैनी ने दिया दीवाली गिफ्ट

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 08:09 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने गन्ना किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है। गन्ने के दामों में 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जिससे अगेती किस्म का गन्ना 415 रुपये और पछेती किस्म का गन्ना 408 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस वृद्धि के साथ हरियाणा देश में सबसे अधिक गन्ना मूल्य देने वाला राज्य बन गया है। 

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    CM नायब सैनी ने किसानों को दिया दीवाली गिफ्ट। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को छोटी दीपावली के दिन बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार ने गन्ने के दामों में 15 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की है। अगेती किस्म के गन्ने का रेट 400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जबकि पछेती किस्म के गन्ने का रेट 393 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 408 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। इससे किसानों को बड़ा फायदा होगा।

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    गन्ने के दामों में 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी कर हरियाणा देश में गन्ने का सबसे ज्यादा रेट देने वाला राज्य बन गया है। पिछले साल नवंबर में पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार से एक रुपया अधिक बढ़ाकर अपने राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को 401 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट दिया था।

    सिर्फ पिछले साल को यदि छोड़ दिया जाए तो उससे पहले और अब हमेशा हरियाणा दूसरे राज्यों की अपेक्षा अपने राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों को देश में सबसे अधिक दाम देता रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गन्ने के दामों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

    17 अक्टूबर को भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हुआ था। तब मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3000 रुपये से बढ़ाकर 3200 रुपये मासिक की थी।

    तीन दिन के भीतर सरकार ने यह दूसरा बड़ा फैसला लिया है, जिससे लोगों को लाभ मिलेगा। राज्य में नवंबर में गन्ने की पेराई के लिए चीनी मिलें चालू हो जाएंगी। पिछले साल राज्य में 88.6 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। हरियाणा में कुल 14 चीनी मिलें हैं, जिनमें 11 सहकारी और तीन निजी क्षेत्र की चीनी मिलें हैं।

    एक क्विंटल गन्ने से साढ़े नौ किलो चीनी निकलने का औसत है। सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने चीनी मिलों को गन्ने की पेराई के दौरान चीनी उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य प्रदान किया है। साथ ही कहा है कि गन्ना किसानों को उनके भुगतान में समस्या नहीं आनी चाहिए। बता दें कि 2025-26 सीज़न के लिए केंद्र सरकार ने उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 प्रति क्विंटल तय किया है।

    कुछ राज्य स्वयं के परामर्श मूल्य (एसएपी) तय करते हैं। उदाहरण के लिए पंजाब में 401 रुपये प्रति क्विंटल और हरियाणा में अब 415 रुपये क्विंटल गन्ने का रेट है।उत्तर प्रदेश में किसानों को 350 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तराखंड में 355 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट मिल रहा है। बिहार में 365 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को गन्ने का भुगतान किया जाता है।

    केंद्र सरकार एक उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) निर्धारित करती है, जो न्यूनतम मूल्य है। इसके अलावा, कुछ राज्य अपने किसानों को बेहतर कीमत देने के लिए एक उच्च राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) तय करते हैं, जैसा कि अब हरियाणा सरकार ने किया है। राज्य सरकार चाहें तो ये दरें हर साल बदल सकती हैं।