हरियाणा के देसी खाने का बजेगा डंका, खाद्य वस्तुओं पर टैक्स खत्म होने से किसान होंगे मालामाल; महंगाई पर होगा कंट्रोल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में हरियाणा ने करों के सरलीकरण का समर्थन किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खाद्य वस्तुओं पर कर समाप्त करने से देसी भोजन व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा और फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। हरियाणा सरकार ने बैठक में लिए गए सभी निर्णयों का समर्थन किया है।।

राज्य ब्यूरो, पंचकूला। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में हरियाणा ने करों के सरलीकरण के फैसले का समर्थन किया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सामान्य खाद्य वस्तुओं पर कर पूरी तरह समाप्त करने से हरियाणा के देसी भोजन व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा।
इन निर्णयों से न केवल हरियाणा के फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कृषि से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी मूल्य श्रृंखला भी मजबूत होगी।
नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खाद्य वस्तुओं, स्वास्थ्य एवं कृषि उपकरणों और मशीनरी, उर्वरकों के इनपुट, नवीकरणीय ऊर्जा, वस्त्र तथा सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाया गया है।
किसान और उद्यमियों को होगा फायदा
यह कदम सीधे तौर पर किसानों, उद्यमियों, सेवा प्रदाताओं और आम जनता को बड़ी राहत देगा। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी कम करने से कीमतों में कमी आएगी, महंगाई पर नियंत्रण होगा और पौष्टिक भोजन आम आदमी के लिए सुलभ होगा।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से ट्रैक्टर और उनके पुर्जों पर जीएसटी दरों में कमी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कदम किसानों की लागत को कम करेगा, उन्हें आधुनिक मशीनरी अपनाने के लिए प्रेरित करेगा और कृषि के आधुनिकीकरण में सहायक होगा।
उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें कर संरचना (रेट स्ट्रक्चर) का युक्तीकरण, आम नागरिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर कर की दरों में कटौती, क्लासिफिकेशन ऑफ रेट को बेहतर करना, पंजीकरण प्रक्रिया का सरलीकरण, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस तथा पुनर्बीमा (री-एश्योरेंस) को कर मुक्त करने के फैसले शामिल हैं।
आमजन को राहत देने के लिए सेस समाप्त किया गया है। हरियाणा सरकार ने बैठक में इन सभी निर्णयों का पूर्ण समर्थन किया है।
एसजीएसटी संग्रह में 110 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी
नायब सैनी ने केंद्र सरकार और जीएसटी परिषद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पैक्ड दूध और पनीर जैसे डेरी उत्पादों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार, घी, मक्खन और ड्राई फ्रूट पर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत टैक्स किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2017 में लागू जीएसटी को देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताते हुए नायब सैनी ने कहा कि राज्यों के बीच कारोबार की बाधाएं समाप्त हुई हैं और ‘एक भारत-एक कर-एक बाजार’ की परिकल्पना साकार हुई है।
उन्होंने जानकारी दी कि हरियाणा का नेट एसजीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2018-19 के 18 हजार 910 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 39 हजार 743 करोड़ रुपये हो गया है, जो 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अपेक्षाकृत कम जनसंख्या और छोटे भौगोलिक आकार के बावजूद हरियाणा प्रमुख कर संग्रह राज्यों में उभरा है और वित्त वर्ष 2024-25 में कुल सकल जीएसटी संग्रह के मामले में देश के बड़े राज्यों में पांचवें स्थान पर रहा है।
विदेशी संस्कार के लोग क्या जानें भारतीय संस्कार क्या होते हैं
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राहुल गांधी की बिहार में संचालित वोट अधिकार यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के भ्रष्टाचार का ही नतीजा है कि आज कांग्रेसी मारे-मारे घूम रहे हैं। देश के लोगों ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया है। आज न तो ईवीएम खराब है और न ही वोट चोरी हो रहे हैं। यह लोग भूल गए कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में क्या भाषा बोलनी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माता के बारे में कांग्रेसियों ने जो अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इनके पास भारतीय संस्कार नहीं है।
ये लोग विदेशी संस्कारों वाले लोग हैं। देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ से हो रहे नुकसान पर नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा पीड़ित व प्रभावित राज्यों के साथ खड़ा है।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब राज्यों को हाल ही में पांच-पांच करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भेजी गई है। हरियाणा में सभी जिला उपायुक्तों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि जिसको भी मदद की जरूरत है, उसकी तुरंत बिना देरी किए मदद की जानी चाहिए। मानवता के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि प्राकृतिक आपदा में मिलकर इसका सामना करें।
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