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    फिरौती, हत्या और नेताओं को धमकी समेत छाएंगे ये मुद्दे; कांग्रेस-इनेलो तैयार, कल से हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 06:37 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष कानून व्यवस्था अपराध और जलभराव जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव दिया है और राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी। सरकार विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए रणनीति बना रही है।

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    कल से हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू। फोटो जागरण

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के शुक्रवार को दोपहर दो बजे से आरंभ होने वाले मानसून सत्र में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस व इनेलो विधायक जहां सरकार को राज्य की कानून व्यवस्था पर घेरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं हरियाणा सरकार ने सत्र से पहले ही भिवानी के लोहारू की मनीषा के शव का अंतिम संस्कार करवाकर विपक्ष के मुद्दे को छीनने की कोशिश की है।

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    विपक्षी विधायकों द्वारा राज्य में अपहरण, हत्या और लूटमारी समेत विभिन्न आपराधिक वारदातों को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कराने के लिए विधानसभा सचिवालय को ‘काम रोको प्रस्ताव’ दिया जा चुका है। सरकार भी कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार नजर आ रही है।

    हरियाणा के नये राज्यपाल प्रो. अशीम घोष के संबोधन से मानसून सत्र की शुरुआत होगी। पिछले 10 माह में यह चौथा सत्र होगा, जिसमें कांग्रेस बिना विधायक दल के नेता के नजर आएगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद संभावना जताई जा रही थी कि मानसून सत्र से पहले कांग्रेस अपनी पार्टी के विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर सकती है, लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक भी कांग्रेस की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई।

    हालांकि विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही बिना घोषणा के विपक्ष के नेता की भूमिका में होते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पिछले बजट सेशन में कह चुके हैं कि हमारी नजर में हुड्डा ही विपक्ष के नेता हैं। संवैधानिक पदों पर होने वाली नियुक्तियों पर निर्णय लेने के लिए आयोजित बैठकों में हुड्डा ही कांग्रेस की ओर से शामिल होते रहे हैं।

    विधानसभा का मानसून सत्र कितने दिन चलेगा, यह शुक्रवार को सुबह 11 बजे होने वाली बिजनेस एडवाइजर कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा, लेकिन विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अस्थाई कार्यक्रम के मुताबिक सत्र 26 अगस्त तक चलने की संभावना है। पूरे सत्र में तीन दिन सदन की कार्यवाही चलेगी।

    23 और 24 अगस्त को अवकाश रहेगा, जबकि 25 व 26 अगस्त को सदन की कार्यवाही का संचालन होगा। छोटा होने के बाद भी यह सत्र काफी प्रभावी और हंगामेदार रहने के आसार हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सदन में बड़ा गतिरोध देखने को मिल सकता है।

    हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति पर दिए गए काम रोको प्रस्ताव पर हंगामा होने की संभावना है। विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण यदि शुक्रवार को ही इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकार नहीं करते तो कांग्रेस पहले दिन ही वाकआउट कर सकती है।

    भिवानी की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत के अलावा व्यापारियों से मांगी जा रही फिरौती, विधायकों को मिल रही धमकियां और हत्या की कई वारदातों को कांग्रेस विधानसभा में मुद्दा बनाने वाली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार की शाम को भाजपा विधायक दल की अहम बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें विपक्ष के हर हमले का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की गई है।

    मंत्रियों के साथ आज चर्चा करेंगे नायब सैनी

    मानसून सत्र में उठाए जाने वाले सवालों के जवाब को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी शुक्रवार को 12 बजे विधानसभा के कमेटी हाल में मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उन सभी प्रश्नों पर चर्चा होगी, जो शुक्रवार के प्रश्नकाल में लगाए गए हैं। मानसून सत्र की शुरूआत से पहले मुख्यमंत्री रोजाना ही मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे ताकि उनमें प्रश्नों के साथ-साथ दूसरे प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सके।

    जलभराव से नुकसान का मुद्दा गूंजेगा

    साइबर सिटी गुरुग्राम, फरीदाबाद व जींद समेत कई शहरों में मानसून में जलभराव की वजह से जो हालत हुई है, विपक्ष विधानसभा में उसे भी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर एक सप्ताह तक गुरुग्राम में रहकर वहां जल निकासी समेत विभिन्न समस्याओं के समाधान की रूपरेखा तैयार करवाकर आए हैं।

    जींद जैसे शहर में भी जलभराव में गाड़ियां बह गई हैं। शहरों में कई-कई घंटे के जाम के साथ-साथ लोगों के वाहनों व निजी प्रापर्टी का पानी की वजह से काफी नुकसान हुआ है। किसानों के खेतों में जलभराव से फसलों के खराबे का मुद्दा भी विपक्ष उठा सकता है