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    सेवानिवृत्ति से छह माह पहले कर्मियों को नहीं मिलेगा अग्रिम जीपीएफ, वित्तीय अनियमितताओं पर हरियाणा सरकार सख्त

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 06:13 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं पर सख्ती दिखाई है। सेवानिवृत्ति से पहले कर्मचारियों को जीपीएफ एडवांस नहीं मिलेगा। अंतिम भुगतान से जुड़े प्रपत्रों में अग्रिम निकासी की जानकारी अनिवार्य कर दी गई है। सरकार ने पीएफ प्रपत्रों में सही जानकारी भरने और ऑनलाइन प्रणाली में सुधार करने के निर्देश दिए हैं ताकि भुगतान में गड़बड़ी और वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।

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    भुगतान में गड़बड़ी और अधिक भुगतान की संभावना रोकने के लिए उठाया कदम।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सेवानिवृत्ति से पहले किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को अंतिम छह महीनों की सेवा अवधि में सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) एडवांस नहीं दी जाएगी। अनियमितताओं को रोकने के लिए मुख्य सचिव ने सभी प्रशासकीय सचिवों को निर्देश जारी कर दिया है।

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    आदेश के मुताबिक कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व 12 महीनों में स्वीकृत किए गए अग्रिम या निकासी की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रपत्रों में दर्ज और प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रमाणित की जानी चाहिए।

    अंतिम भुगतान का मामला प्रधान महालेखाकार के कार्यालय को भेजने के बाद यदि किसी अपवादात्मक परिस्थिति में अग्रिम स्वीकृत किया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत आधिकारिक ईमेल या अन्य औपचारिक माध्यम से देनी होगी ताकि भुगतान में आवश्यक समायोजन किया जा सके।

    वित्त विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ प्रशासनिक विभाग और डीडीओ, जीपीएफ अंतिम भुगतान मामलों को प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) के कार्यालय को भेजने के बाद भी वसूली योग्य या गैर-वसूली योग्य अग्रिम स्वीकृत कर रहे हैं।

    विवरण सही भरे जा रहे न प्रमाणित सही से हो रहे

    इसके साथ ही कई मामलों में यह भी पाया गया है कि जीपीएफ अंतिम भुगतान से जुड़े पीएफ-09 और पीएफ-10 प्रपत्रों में अग्रिम या निकासी से संबंधित अनिवार्य विवरण, विशेषकर सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व 12 महीनों की अवधि से जुड़े विवरण, सही प्रकार से नहीं भरे जा रहे हैं और न ही प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रमाणित किए जा रहे हैं। इससे भुगतान में गड़बड़ी और अधिक भुगतान की संभावना बढ़ जाती है, जिससे सरकार को वित्तीय हानि हो सकती है।

    पत्र में कहा गया है कि जीपीएफ अंतिम भुगतान के मामलों का “आनलाइन सबमिशन” केवल ’’आनलाइन डायरी मैनेजमेंट सिस्टम (ओडीएमएस)’’ के माध्यम से किया जाता है, जबकि अग्रिम और आहरण से संबंधित कार्य सरकार के ’’ई-बिलिंग पोर्टल पर किए जाते हैं।

    समस्या बार-बार सामने आ रही

    इन दोनों पोर्टल के बीच डेटा इंटीग्रेशन न होने और कुछ डीडीओ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने के कारण यह समस्या बार-बार सामने आ रही है। प्रदेश सरकार ने इस विषय को गंभीर मानते हुए सभी खजाना अधिकारियों और डीडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे हरियाणा सिविल सेवा (जीपीएफ) नियम, 2016 का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें।