लॉकडाउन में पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को संभालने के प्रयास, उद्यमियों को निवेश बढ़ने का भरोसा
हरियाणा में लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। ऐसे में इसे पटरी पर लाना बड़ी चुनौती है। अब सरकार इसमें जुटेगी। उद्यमी विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के एक माह के दौरान पड़े प्रतिकूल असर के बावजूद उद्योग जगत को आशा है कि यदि सरकार उनके साथ खड़ी रही तो आने वाले दिन भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने वाले होंगे। हरियाणा के उद्यमी मानते हैं कि दिल्ली के नजदीक होने के कारण हरियाणा को विदेशी निवेश का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
उद्यमियों को विश्वास अब बढ़ेगा विदेशी निवेश, दिल्ली के नजदीक होने का हरियाणा को मिलेगा फायदा
हरियाणा के उद्यमियों ने लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करने और कोरोना के कहर से निकलने के बाद आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए न सिर्फ अपने देश में बल्कि विश्व के उद्यमियों से भी चर्चा की है। उद्यमी यूरोप और अमेरिका के उद्यमियों से चर्चा के बाद काफी खुश हैं क्योंकि उनसे उन्हें यही संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में वे चीन से अपना कारोबार खत्म करके भारत में ही फैलाएंगे। उद्यमियों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर यूरोप व अमेरिका के देशों में रहने वाले लोगों की चीन के प्रति नफरत बढ़ती ही जा रही है।
लॉकडाउन के तुरंत बाद आर्थिक गतिविधियां तेजी से शुरू हों
उद्यमियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों को तेजी से शुरू करना चाहिए। कम से कम भारतीय उपभोक्ताओं की सभी तरह की मांग पूरा करने के लिए अपने देश में पर्याप्त उत्पादन हो। इसके अलावा विदेशी ऑर्डर भी तत्काल पूरे हों इसके लिए केंद्र व संबंधित राज्य सरकारों को उद्यमियों के साथ खड़ा हो जाना चाहिए।
गारमेंट इंडस्ट्रीज में बड़े निर्यातक नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल तो उनकी इंडस्ट्री को काफी बड़ा नुकसान है क्योंकि गर्मियों में होने वाली बिक्री इस लॉकडाउन से प्रभावित हो गई है। अगले दो माह बाद ही सर्दियों के कपड़ों की मांग शुरू हो जाएगी। ऐसे में यूरोप और अमेरिका ने चीन की गारमेंट इंडस्ट्री को छोड़कर भारतीय इंडस्ट्री पर विश्वास किया तो निश्चित तौर पर लॉकडाउन के बाद इस इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव होगा।
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'मदर यूनिट के साथ खुलें संबंधित छोटी इकाइयां भी'
''हमारी इंडस्ट्री के लोग लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई अपने आप कर लेंगे,लेकिन सरकार को इंडस्ट्री की समस्याएं सुननी और समझनी होंगी। पिछले एक माह के दौरान इंडस्ट्री सिर्फ मौजूदा नुकसान से चिंतित नहीं है बल्कि आने वाले समय में होने वाले संभावित नुकसान को लेकर ज्यादा चिंतित है। इसलिए उद्यमियों ने विश्व भर में अपने संपर्कों के उद्यमियों से चर्चा की है। भारतीय बाजार के प्रति जिस तरह यूरोपियन देशों में सकारात्मक भाव है, उससे साफ है कि आने वाला भविष्य हमारे देश का है। सरकार फिलहाल मदर यूनिट के साथ उनसे संबंधित छोटी यूनिट को भी खोलने का मार्गप्रशस्त करे ताकि उत्पादन में दिक्कत न आए।
- बीआर भाटिया, प्रधान,फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन।
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केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार: दुष्यंत
'' हम लॉकडाउन के बाद इंडस्ट्रीज की सभी समस्याओं से वाकिफ है। हमारी दो बार इंडस्ट्रीज के प्रमुख लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत हो चुकी है । हमें केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार है। 27 अप्रैल को माननीय प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंस से चर्चा करेंगे। हमें विश्वास है कि निश्चित तौर पर कोई बड़ा आर्थिक राहत पैकेज इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से मिलेगा। इसके तुरंत बाद हम इंडस्ट्रीज के लोगों से एक बार फिर चर्चा करेंगे। फिलहाल हमारा फोकस राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाना है ।
- दुष्यंत चौटाला, उप मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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