Updated: Sat, 09 Aug 2025 08:20 PM (IST)
हरियाणा सरकार ने मेडिकल शिक्षा संस्थानों में मनमाना शुल्क लेने पर रोक लगा दी है। नए सत्र के लिए एमबीबीएस बीडीएस नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सों के लिए शुल्क निर्धारित किए गए हैं। सरकारी और निजी संस्थानों में राज्य और प्रबंधन कोटे के तहत सीटों का आरक्षण किया गया है। प्रवेश प्रक्रिया योग्यता परीक्षा के आधार पर होगी। यह निर्णय छात्रों को राहत प्रदान करेगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कोई चिकित्सा शिक्षा संस्थान अब मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग के विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क नहीं ले सकेगा। प्रदेश सरकार ने नए शैक्षिक सत्र के लिए एमबीबीएस, बीडीएस, नर्सिंग, फिजियोथेरेपिस्ट, पैरामेडिकल, एएनएम-जीएनएम और एमपीएचडब्ल्यू कोर्स के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है।
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चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने दाखिलों में आरक्षण और शुल्क निर्धारण को लेकर आदेश जारी कर दिया है। सभी निजी, राजकीय और सरकारी सहायता प्राप्त चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न कोर्स के लिए शुल्क की दरें अलग-अलग होंगी। आदेशों के अनुसार सरकारी नर्सिंग और एमपीएचडब्ल्यू (एम) स्कूलों में सभी सीटें राज्य कोटा से भरी जाएंगी।
निजी नर्सिंग और एमपीएचडब्ल्यू (एम) स्कूलों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटा के लिए आरक्षित होंगी, जबकि शेष 50 प्रतिशत सीटें प्रबंधन कोटे से आवंटित की जाएंगी। स्टेट कोटे में आरक्षण का नियम लागू होगा।
हरियाणा नर्सेज एंड नर्स मिडवाइव्स काउंसिल पंचकूला को सभी सरकारी-निजी नर्सिंग और एमपीएचडब्ल्यू (एम) प्रशिक्षण विद्यालयों में एएनएम, जीएनएम और एमपीएचडब्ल्यू (एम) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता परीक्षा अर्थात बारहवीं के आधार पर तैयार की गई मेरिट के अनुसार संयुक्त केंद्रीकृत आनलाइन काउंसिलिंग आयोजित करने का अधिकार दिया गया है।
वहीं, पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक से संबद्ध सरकारी और निजी संस्थानों में नर्सिंग, फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी नए सिरे से मानक तय किए गए हैं। निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटा और 50 प्रतिशत सीटें प्रबंधन कोटे के लिए आरक्षित की गई हैं।
पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कामन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग आयोजित करेगा।
सरकारी मेडिकल कालेजों में 15 प्रतिशत सीटें
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के साथ ही निजी विश्वविद्यालयों एसजीटी विश्वविद्यालय बुढ़ेड़ा (गुरुग्राम), महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय साधोपुर (अंबाला) और अल-फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए शुल्क और आरक्षण के मानक तय किए गए हैं।
सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नीट-यूजी के आधार पर 15 प्रतिशत सीटें आल इंडिया मेरिट और शेष 85 प्रतिशत सीटें हरियाणा मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी। निजी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें स्टेट कोटे और 50 प्रतिशत सीटें प्रबंधन कोटे के तहत रखी गई हैं। स्टेट कोटे की पांच प्रतिशत सीटें दिव्यांगों के लिए रहेंगी।
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