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कोरोना संकट में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था, हरियाणा सरकार की फिर कर्ज लेने की तैयारी

कोरोना संकट के कारण हरियाणा की अर्थ व्‍यवस्‍था बेपटरी हाे गई है। इससे निपटने के लिए हरियाणा सरकार फिर कर्ज लेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 11:46 AM (IST)
कोरोना संकट में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था, हरियाणा सरकार की फिर कर्ज लेने की तैयारी
कोरोना संकट में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था, हरियाणा सरकार की फिर कर्ज लेने की तैयारी

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट ने हरियाणा की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला दिया है। हरियाणा सरकार इससे निपटने के लिए सारे प्रयास कर रही है और कई तरह के कदम उठा रही है। हरियाणा सरकार इस संकट से निपटने के लिए फिर कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। महीने में दो बार में पांच हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने के बाद प्रदेश सरकार ने खर्चों की पूर्ति के लिए फिर दो हजार करोड़ का लोन मांगा है। अगले सप्ताह तक यह ऋण मिलने की उम्मीद है।

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दो बार में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद हरियाणा ने फिर मांगें हैं दो हजार करोड़

लॉकडाउन के चलते करीब डेढ़ महीने तक आर्थिक गतिविधियों ठप रहने से राजस्व को सात हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। जुलाई तक यह नुकसान करीब 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। फिलहाल शराब के ठेके तो खोले गए हैं, लेकिन अन्य राजस्व प्राप्ति वाला कोई संस्थान शुरू नहीं हो सका है। नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने तीन हजार करोड़ तो दूसरी बार दो हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। केंद्र सरकार द्वारा भी प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जा चुकी है।

भरपाई के लिए सरकार ने उठाए कदम

नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने बस किराया बढ़ाया है, लेकिन अभी तक रोडवेज बसें शुरू नहीं होने से इसका फायदा नहीं मिल पाया। फल-सब्जियों पर मार्केट फीस और पेट्रोल व डीजल पर सैस लगाया गया है। शराब पर भी कोरोना सैस लगाया गया है ताकि महामारी से जंग में कुछ आर्थिक मदद मिले।

सरकार के साथ खड़ा हुआ विपक्ष

सर्वदलीय बैठक में वित्तीय संकट का मुद्दा उठा था जिसके बाद विपक्षी दल भी सरकार के साथ खड़े हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि सरकार जरूरी कार्यों के लिए कर्ज ले सकती है, लेकिन हमें इसके दुरुपयोग की सूचनाएं मिल रही हैं। कर्ज की राशि को अनावश्यक मदों पर खर्च करना उचित नहीं है।

वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश की वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है। राजस्व प्राप्ति के सभी साधन बंद हैं। जरूरी खर्चों के लिए ही कर्ज लिया गया है। प्रदेश सरकार केवल अहम मदों पर ही खर्च कर रही है। अनावश्यक खर्चों को बंद कर दिया गया है।

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