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    GST घटने से हरियाणा के गरीब, किसानों और मिडिल क्लास की बल्ले-बल्ले; बचेंगे चार हजार करोड़ रुपये

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 07:20 PM (IST)

    हरियाणा में जीएसटी में 22 सितंबर से होने वाले बदलावों से गरीब किसान और मध्यम वर्ग को 4 हजार करोड़ का लाभ होगा। फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोग होने वाले कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें घटाई गई हैं। दूध पनीर पर जीएसटी खत्म घी और सूखे मेवों पर दरें कम हुई हैं। इन बदलावों से कीमतें कम होंगी और महंगाई नियंत्रित होगी।

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    जीएसटी घटने से हरियाणा के गरीबों किसानों का होगा फायदा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 22 सितंबर से बदलाव के चलते हरियाणा के गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को चार हजार करोड़ का लाभ होगा। हरियाणा के अनुरोध पर जीएसटी परिषद ने फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोग होने वाले कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें घटाने की स्वीकृति दे दी है।

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    जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में शामिल होने के बाद चंडीगढ़ लौटे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जीएसटी में बदलाव के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी में किए गए सुधार आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी तथा मेक इन इंडिया के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

    जीएसटी करों को तर्कसंगत बनाने से रोजमर्रा इस्तेमाल के सामान सस्ते होंगे। इससे मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी और त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ने से बाजार को बड़ा लाभ होगा।

    उन्होंने कहा कि आमजन द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर जीएसटी दर को कम कर दिया गया है और कुछ पर तो समाप्त कर दिया गया है। वहीं सेस को भी खत्म कर दिया गया है। कपड़ा और उर्वरकों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को हटाया गया है। इससे डीलरों के लिए पूंजी का अवरोध कम होगा।

    कम जोखिम वाले आवेदकों के लिए तीन दिन में स्वचालित पंजीकरण हो सकेगा। निश्चित समय पर प्रोविजनल रिफंड जारी किया जाएगा। जीएसटी परिषद ने पैकेज्ड दूध और पनीर पर जीएसटी खत्म कर दिया है, जबकि घी, मक्खन और सूखे मेवों पर दरें 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।

    इन बदलावों से कीमतें कम होंगी और महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। रोटी और परांठा जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी खत्म करने से प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को फसलों का मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

    कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत करने से कृषि की लागत कम होगी। जैव-कीटनाशकों और उर्वरक इनपुट्स जैसे कि अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड पर पांच प्रतिशत जीएसटी से इनपुट लागत कम होगी और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।

    ट्रैक्टर और इसके पुर्जों पर भी दरों को कम किया गया है। सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी पांच प्रतिशत करने से परियोजना लागत कम होगी। धागे व कपड़े जैसे प्रमुख कपड़ा इनपुट्स और सिलाई मशीन पर जीएसटी पांच प्रतिशत रहने से उत्पादन लागत में कमी आएगी।

    इससे छोटे और मध्यम उद्यम मजबूत होंगे साथ ही अधिक रोजगार पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं और जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म कर दिया है।

    डायग्नोस्टिक किट जैसे ग्लूकोमीटर और रीजेंट पर जीएसटी पांच प्रतिशत किया है। छोटी कारों पर दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने से मध्यम वर्ग के लिए अधिक किफायती हो जाएंगी और आटोमोबाइल क्षेत्र में मांग बढ़ेगी।

    सीमेंट सस्ता होने से मकान बनाना होगा आसान

    सीमेंट पर जीएसटी घटाने से आमजन के लिए मकान बनाना आसान हो जाएगा। साथ ही आधारभूत विकास भी होगा। तंबाकू उत्पादों, पान मसाला और सिगरेट तथा चीनी युक्त एयरियेटिडवाटर और कैफीन युक्त पेय पदार्थों पर जीएसटी 40 प्रतिशत करने से हानिकारक उत्पादों की खपत को हतोत्साहित किया जाएगा।

    हरियाणा ने जीएसटी से कमाए 39 हजार 743 करोड़ रुपये

    मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा नेट एसजीएसटी संग्रह 2018-19 के 18 हजार 910 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 39 हजार 743 करोड़ रुपये हो गया। यह 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। छोटी आबादी और आकार के बावजूद हरियाणा एक अग्रणी कर-संग्रह करने वाले राज्य के रूप में उभरा है।

    वर्ष 2024-25 में, हरियाणा कुल सकल जीएसटी संग्रह में देश के प्रमुख राज्यों में पांचवें स्थान पर रहा। चालू वित्त वर्ष में नेट एसजीएसटी संग्रह 20 प्रतिशत की प्रभावशाली दर से बढ़ रहा है।

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