ड्राइविंग लाइसेंस समाप्त होने के बाद भी 30 दिनों तक माना जाएगा वैध, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद भी 30 दिनों तक उसे वैध माना जाएगा। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने दुर्घटना के समय ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस न होने की बात कही थी। अदालत ने मोटर वाहन अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद भी 30 दिनों की छूट अवधि होती है।

ड्राइविंग लाइसेंस समाप्त होने के बाद भी 30 दिनों तक वैध माना जाएगा।
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने दलील दी थी कि दुर्घटना के समय वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इसलिए उस पर मुआवजा देने की जिम्मेदारी नहीं डाली जानी चाहिए थी।
अदालत ने साफ कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद 30 दिन की ग्रेस अवधि का स्पष्ट परविधान है और उसी के तहत लाइसेंस दुर्घटना वाले दिन तक प्रभावी माना जाएगा। यह फैसला जस्टिस वीरेंद्र अग्रवाल की पीठ ने दिया।
मामला वर्ष 2003 की मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल, जींद में दिए गए मुआवजे के आदेश से संबंधित था। हाईकोर्ट में इंश्योरेंस कंपनी ने केवल इस आधार पर अपील दायर की थी कि चालक का लाइसेंस दुर्घटना से पहले ही समाप्त हो चुका था और बाद में नवीनीकरण कराया गया।
इंश्योरेंस कंपनी की ओर से यह दलील दी गई कि चालक का लाइसेंस 04 जून 2001 को खत्म हो गया था, जबकि दुर्घटना 04 जुलाई 2001 को हुई थी और लाइसेंस 06 अगस्त 2001 को नवीनीकृत हुआ। इसके आधार पर कंपनी ने कहा कि यह पॉलिसी शर्तों का उल्लंघन है। मगर अदालत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 14 में साफ परविधान है कि लाइसेंस समाप्त होने के बाद भी 30 दिनों तक वैध माना जाएगा और इस अवधि को ‘कानूनी वैधता’ प्राप्त है।
कोर्ट ने विस्तृत व्याख्या करते हुए कहा कि 30 दिन की गणना 05 जून 2001 से होती है और उसका 30वां दिन 04 जुलाई 2001 पड़ता है। यही वह दिन था जब सुबह 10:45 बजे दुर्घटना हुई। इसलिए ट्रिब्यूनल का निर्णय पूरी तरह कानून के अनुरूप है। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कई महत्वपूर्ण फैसलों का हवाला भी दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि दुर्घटना 30 दिन की अवधि के भीतर हो, तो चालक को बिना लाइसेंस नहीं माना जा सकता।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लाइसेंस की मियाद समाप्त होने के बाद भी कानूनन निर्धारित 30 दिन तक उसकी वैधता बनी रहती है। ऐसे में दुर्घटना के दिन चालक को वैध लाइसेंस धारी माना जाएगा और इंश्योरेंस कंपनी की दलील निराधार है।
इसके साथ ही अदालत ने 04 जनवरी 2003 के ट्रिब्यूनल के मुआवजे आदेश को सही ठहराया और कंपनी की अपील को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने साफ कर दिया कि इंश्योरेंस कंपनियां केवल लाइसेंस की औपचारिक समाप्ति का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकतीं, क्योंकि कानून ने इस स्थिति के लिए विशेष सुरक्षा दी है।

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