जिला परिषदों में तैनात कर्मचारियों को 9 माह से नहीं मिला वेतन, दीवाली भी रही फीकी; ठेकेदार के माध्यम से हुई थी नियुक्ति
हरियाणा के जिला परिषद कार्यालयों में 150 से अधिक कर्मचारी पिछले नौ महीनों से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। ये कर्मचारी पंचायती राज योजनाओं की निगरानी करते हैं। फरवरी से वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। पहले ठेकेदार के माध्यम से नियुक्त, अब एचकेआरएनएल के अधीन लाने की बात है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।
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जिला परिषदों में तैनात कर्मचारियों को 9 माह से नहीं मिला वेतन। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के जिला परिषद कार्यालयों में कार्यरत 150 से अधिक कर्मचारियों को पिछले नौ माह से वेतन नहीं मिला है। प्रोजेक्ट आफिसर, असिस्टेंट सीईओ और कंसलटेंट जैसे अहम पदों पर तैनात ये सभी कर्मचारी पंचायती राज से जुड़ी योजनाओं की जिला स्तर पर मानिटरिंग और सुपरविजन का जिम्मा निभा रहे हैं। वेतन के अभाव में इन कर्मचारियों की दीपावली भी फीकी रही।
फरवरी से वेतन नहीं मिलने की वजह से कर्मचारी रोजमर्रा के खर्चों, बच्चों की पढ़ाई और घर की जरूरतों को पूरा करने को लेकर आर्थिक संकट में हैं। इन कर्मचारियों की नियुक्ति पहले ठेकेदार के माध्यम से की गई थी, लेकिन कुछ महीने पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ठेकेदार को यह कहते हुए हटा दिया कि अब इन कर्मचारियों को हरियाणा राज्य कौशल रोजगार निगम (एचकेआएनएल) के अधीन लाया जाएगा।
स्थिति यह बन गई कि अब यह कर्मचारी न तो ठेकेदार के अधीन रहे और न ही उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से रोल पर लिया गया है। वेतन और समायोजन की मांग को लेकर यह कर्मचारी हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार से मिल चुके हैं।
विभाग के तत्कालीन निदेशक डीके बेहरा से वार्ता के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। अब कर्मचारी नए निदेशक अशोक कुमार मीणा से मिलने की तैयारी में हैं। इनमें से अधिकतर कर्मचारी पिछले चार से पांच वर्षों से निरंतर सेवाएं दे रहे हैं।

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