पटवार भवन को लेकर विवाद, लोगों ने सीएम आवास तक शुरू किया पैदल मार्च; अब रख दी बड़ी मांग
नरवाना के उझाना गांव में पटवार भवन के निर्माण को लेकर विवाद हो गया है। अनुसूचित जाति के लोग डॉ. आंबेडकर भवन या चौपाल बनाने की मांग कर रहे हैं और उन्होंने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि खाली जमीन पर पटवार भवन की जगह सामुदायिक भवन बनना चाहिए।

संवाद सूत्र, नरवाना। उझाना गांव में बस स्टैंड के पास राजस्व विभाग की जमीन पर बन रहे पटवार भवन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यहां डॉ. आंबेडकर भवन या चौपाल बनाने की मांग लेकर अनुसूचित जाति के लोगों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के लिए पैदल मार्च शुरू किया है। इससे पहले पांच दिन तक गांव में धरना दिया था।
बता दें कि यहां तीन कनाल, 10 मरले जमीन पर पटवार भवन बनाया जा रहा है। आंदोलन कर रहे लोगों ने कहा कि 1984 में अनुसूचित जाति के लोगों को 100-100 वर्ग गज के प्लॉट आवंटित हुए थे। यहां 1250 वर्ग गज खाली जगह बची हुई है। इस जमीन पर ग्राम पंचायत पटवार भवन बनवा रही है। यहां पटवार भवन बनाने के लिए टेंडर होना चाहिए था।
पंचायत की तरफ से ही जबरदस्ती यह कार्य किया जा रहा है। खाली पड़ी जमीन पर डॉ. आंबेडकर भवन या चौपाल बनवाई जाए। इससे यह जमीन समाज के काम आ सकेगी। इस पर गांव के अनुसूचित समाज के 350 परिवारों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च शुरू किया है।
इन लोगों ने कहा कि 2022 में इसी जगह पर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगाई जा रही थी। तब अन्य स्थान पर जमीन उपलब्ध करवाने की बात कही गई थी। तीन साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पटवार भवन तो एक कनाल में बन रहा है।
ऐसे में खाली पड़ी जमीन पर चौपाल या भवन बनाया जाए। वहीं, एसडीएम जगदीश चंद्र ने कहा कि यह जमीन राजस्व विभाग की है। इसके अनुसार ही निर्माण किया जा रहा है।
दिल्ली के पूर्व मंत्री ने किया समर्थन
पैदल जत्था नरवाना पहुंचने पर दिल्ली के पूर्व मंत्री संदीप वाल्मीकि ने ग्रामीणों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह लोग अपना हक मांग रहे हैं। वे समाज का साथ देंगे। इसके बाद अनुसूचित जाति समाज के लोग चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।
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