Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा पुलिस शिकायत प्राधिकरण में जज की जगह IAS-IPS नियुक्ति पर विवाद, हाईकोर्ट में दी जा सकती है चुनौती

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 07:24 PM (IST)

    हरियाणा राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में सेवानिवृत्त जज की जगह आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चेयरपर्सन के पद पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति होनी चाहिए। इस नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। पहले भी ऐसी नियुक्तियाँ हुई हैं जिन्हें कोर्ट ने रद्द किया है।

    Hero Image
    पुलिस शिकायत प्राधिकरण में सेवानिवृत्त जज होने चाहिए चेयरमैन। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में सेवानिवृत्त जज को चेयरमैन बनाया जाना चाहिए। इसके उलट हरियाणा में सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पुलिस सुधारों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए निर्देश में स्पष्ट रूप से राज्य अथारिटी के चेयरपर्सन के तौर पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति का उल्लेख है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में 1989 बैच के सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी डा. आरसी मिश्रा को प्रदेश स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण का चेयरपर्सन और 2014 बैच के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी ललित सिवाच को सदस्य बनाया गया है।

    हालांकि कानूनन इस प्राधिकरण में अधिकतम दो अन्य सदस्य, जिसमें एक महिला सदस्य अनिवार्य है, की नियुक्ति की जा सकती है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि सितंबर 2006 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार केस में पुलिस सुधार पर दिए गए ऐतिहासिक निर्णय के अनुसार प्रदेश स्तरीय पुलिस कंप्लेंट अथारिटी में चेयरपर्सन के तौर पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति की जानी चाहिए।

    यह चयन भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए पैनल में से किया जा सकता है। इसी प्रकार जिला स्तरीय पुलिस कंप्लेंट अथारिटी का चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला जज हो सकता है।

    हालांकि दोनों प्राधिकरण में सदस्यों के तौर पर सेवानिवृत्त आइएएस और आइपीएस अधिकारी नियुक्त किए जा सकते हैं।  अप्रैल 2021 में जब पिछले हरियाणा पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन किया गया था तो उसमें पूर्व आइएएस अधिकारी नवराज संधू को चेयरपर्सन और सेवानिवृत्त आइएएस आरसी वर्मा तथा सेवानिवृत्त आइपीएस केके मिश्रा को सदस्य बनाया गया।

    इससे पहले वर्ष 2010 में गठित राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में सेवानिवृत्त आइएएस एचएस राणा और फरवरी 2019 में सेवानिवृत्त आइएएस राम निवास को नियुक्त किया गया था।

    आज से दस वर्ष पूर्व अगस्त 2015 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने यूटी चंडीगढ़ पुलिस कंप्लेंट अथारिटी में 1975 बैच के रिटायर्ड आइएएस प्रदीप मेहरा को नियुक्त करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस में दिए गए निर्णय के आधार पर खारिज कर दिया था।

    इसके बाद फरवरी 2017 में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस महावीर सिंह चौहान को चंडीगढ़ पुलिस कंप्लेंट अथारिटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया।

    इसी तरह पिछले साल दिसंबर में हाई कोर्ट के एक अन्य रिटायर्ड जस्टिस कुलदीप सिंह को चंडीगढ़ पुलिस शिकायत प्राधिकरण का चेयरमैन बनाते हुए हरियाणा काडर की रिटायर्ड आइएएस धीरा खंडेलवाल और रिटायर्ड आइपीएस अमरजोत सिंह गिल को सदस्य बनाया गया।

    हाईकोर्ट में दी जा सकती चुनौती

    एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर हरियाणा में रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी की प्रदेश स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण के चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। हालांकि प्रदेश सरकार चाहे तो सेवानिवृत्त आइपीएस को सदस्य के तौर पर अवश्य नियुक्त किया जा सकता है।