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    गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में भू-संपत्तियों का बनेगा डिजिटल नक्शा, जीपीएस से होगा कनेक्ट

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 11 Feb 2022 07:47 AM (IST)

    हरियाणा में जमीन की पैमाइश में हेराफेरी बंद करने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा रही है। राज्य में भू संपत्तियों का डिजिटल नक्शा तैयार किया जा रहा है। यह नक ...और पढ़ें

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    हरियाणा में भू संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में भू-संपत्तियों से जुड़े विवादों को खत्म करने की कड़ी में अब प्रदेश सरकार ने डिजिटल नक्शा तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। राजस्व विभाग से जुड़ा तमाम रिकार्ड आनलाइन करने के बाद पूरे प्रदेश का डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम शुरू हो गया है। डिजिटल नक्शे से न केवल भू-संपत्तियों की पैमाइश में होने वाली गड़बड़ियां खत्म होंगी, बल्कि पूरी सटीक पैमाइश होगी जिससे एक इंच की भी हेराफेरी नहीं हो पाएगी।

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    स्वामित्व योजना को सिरे चढ़ाने के बाद राजस्व विभाग ने हाल ही में डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम शुरू किया है। इस डिजिटल नक्शे को जीपीएस से जोड़ा जाएगा। ड्रोन की मदद से फोटो ली जाएंगी। इसके साथ ही पटवारियों को भी आधुनिक तकनीक से जाेड़ा जा रहा है। सभी पटवारियों को टैब मुहैया करवा दिए गए हैं जिनमें जमीन की गिरदावरी से लेकर पैमाइश संबंधित तमाम सुविधाएं आनलाइन मिल सकेंगी।

    राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तायुक्त पीके दास ने बताया कि डिजिटल नक्शा तैयार करने की शुरुआत हो चुकी है। ड्रोन से प्रदेश भर की इमेज लेकर डिजिटल नक्शा बनाया जाएगा। इससे जमीन की पैमाइश के दौरान गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।

    40 प्रतिशत संपत्ति कार्ड बांटे

    गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के साथ ही राजस्व विभाग अब इसका दायरा बढ़ाने की कवायद में जुट गया है। पहले चरण में 50 गांवों को चिह्नित किया गया है जिनकी आबादी ज्यादा है। फिलहाल प्रदेश में स्वामित्व योजना के तहत 14 लाख से ज्यादा संपत्ति कार्ड तैयार हो चुके हैं। इनमें से 40 प्रतिशत संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। योजना के तहत अब तक कुल 6309 गांव कवर किए गए हैं। इनमें से तकरीबन 300 गांव लाल डोरा मुक्त हो चुके हैं।

    परिवार पहचान पत्र से जोड़ी जाएंगी सभी संपत्ति

    हर भू-संपत्ति को परिवार पहचान-पत्र से जोड़ा जा रहा है। इससे पता रहेगा कि भू-संपत्ति का मालिक कौन है। इससे झगड़े खत्म होंगे। पहले लाल डोरे के भीतर गांव में किसी प्रकार की संपत्ति का राजस्व रिकार्ड नहीं था। मकान या प्लाट की खरीद व बिक्री के समय रजिस्ट्री नहीं होती थी जिससे बैंक से ऋण भी नहीं मिलता था। प्रदेश सरकार ने सर्वे कराकर गांवों की मैपिंग कराई और ग्रामीण और आबादी देह क्षेत्र का फील्ड वेरिफिकेशन का कार्य किया गया। प्रत्येक संपत्ति को विशिष्ट पहचान दी गई। अब भू-मालिक आसानी से जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं और उस पर ऋण भी आसानी से लिया जा सकता है।