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    हरियाणा में क्या चार गुना बढ़ गया बिजली बिल? अनिल विज ने बताया सच

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 08:36 PM (IST)

    हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बिजली बिलों में चार गुना वृद्धि के विपक्षी दावों को खारिज किया है। उन्होंने दावा किया कि 2014-15 के मुकाबले 94 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में कमी आई है, खासकर 2 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 49-75% की कमी हुई है। किसानों के टैरिफ में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 

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    हरियाणा के ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विपक्षी नेताओं द्वारा किए जा रहे बिजली बिल के चार गुना तक बढ़ने के दावों को ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने खारिज किया है। साथ ही दावा किया कि वर्ष 2014-15 के मुकाबले 94 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में कमी आई है।

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    इसके अलावा किसानों के बिजली टैरिफ में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। विज ने कहा कि दो किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में 11 साल पहले की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसी तरह श्रेणी- 2 के अधिकतर उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की गई है। इन श्रेणियों में लगभग 94 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता आते हैं।

    सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त कर दिया है। लाइन लास को 29 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत के स्तर पर लाया गया है। कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे यूनिट (मीटर्ड) और 15 रुपये बीएचपी प्रतिमाह (फ्लैट रेट) पर बिजली दी जा रही है।

    मीटर कनेक्शन के लिए घटा MMC

    मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया गया है। संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार श्रेणी-I के घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले) के मासिक बिलों में वर्ष 2014-15 की तुलना में 49 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। श्रेणी-II के उपभोक्ताओं (5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड वाले) के लिए पिछले साल की तुलना में बिलों में तीन से नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    श्रेणी-III के उपभोक्ताओं के लिए वृद्धि पांच से 7 प्रतिशत तक है। इस श्रेणी में केवल छह प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता ही आते है।विज ने कहा कि घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) को 75 रुपये किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7.50 रुपये/यूनिट पर बनाए रखा गया है।

    एलटी श्रेणी में चार फीसद तक बढ़ोतरी

    पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क आठ रुपये यूनिट तक है। घरेलू श्रेणी के बिजली के बिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वृद्धि 9.6 प्रतिशत से कम है। एचटी उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक टैरिफ संशोधन लोड और खपत के आधार पर सात से 10 प्रतशित की मध्यम वृद्धि को दर्शाता है। एलटी श्रेणी में वृद्धि चार से सात प्रतिशत तक है।

    पड़ोसी राज्यों में एलटी उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क 450 रुपये किलोवाट तक और एचटी उपभोक्ताओं के लिए 475 रुपये किलोवाट तक हैं। इसी तरह ऊर्जा शुल्क एलटी के लिए 8.95 रुपये यूनिट और एच टी के लिए 7.75 रुपये यूनिट तक है।