Mulayam Singh Yadav: मुलायम को पहली बार उप्र का सीएम बनने में देवीलाल ने की थी मदद, दोनाें में था खास रिश्ता
Mulayam Singh Yadav Death उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंंत्री और समाजवादी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का हरियाणा खासकर पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल से खास नाता रहा है। मुलायम को सियासत में आगे बढ़ाने व पहली बार उत्तर प्रदेश का सीएम बनाने में देवीलाल का अहम योगदान था।

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। Mulayam Singh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का हरियाणा से खास नाता रहा। पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल से तो उनका बड़ा गहरा राजनीतिक नाता रहा। देवीलाल ने मुलायम सिंह यादव काे सियासत में ऊंचाइयों तक पहुंचने में काफी मदद की। यहां तक कि मुलायम सिंह यादव को पहली बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने में ताऊ देवीलाल ने अहम भूमिका निभाई थी।
रणजीत सिंह चौटाला ने दोनों के रिश्ते की कहानी बयां की
मुलायम सिंह यादव व ताऊ देवीलाल के सियासी रिश्ते के बारे में हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने खास बातें बताईं। दरअसल बोफोर्स कांड के बाद जब जनता पार्टी, जनमोर्चा और लोकदल अजीत व लोकदल बहुगुणा के नेताओं ने मिलकर जनता दल बनाया तो मुलायम सिंह और अजीत सिंह दोनों ही इसके घटक नेता थे। केंद्र में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल की सरकार थी।
अजीत सिंह को सीएम बनवाना चाहते थे तत्कालीन पीएम वीपी सिंह
रणजीत सिंह चौटाला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में प्रधानमंत्री के रूप में वीपी सिंह चौधरी अजीत सिंह को तो तत्कालीन उपप्रधानमंत्री और पार्टी संसदीय बोर्ड के चेयरमैन ताऊ देवीलाल मुलायम सिंह को पसंद करते थे। बतौर संसदीय बोर्ड चेयरमैन ताऊ देवीलाल ने मुलायम समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलवाने में भी सहयोग किया।
इसके बाद जब उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों के समूह ने जीत दर्ज की तो जनता दल के अंदर मुख्यमंत्री पद पर मुलायम सिंह और अजीत सिंह के बीच मुकाबला शुरू हो गया। वीपी सिंह खुले रूप में अजीत सिंह को सीएम बनवाने के लिए कह चुके थे मगर ताऊ देवीलाल अजीत सिंह की अपेक्षा मुलायम यादव को पसंद करते थे।
देवीलाल ने पार्टी संसदीय बोर्ड के चेयरमैन के नाते की थी मुलायम की मदद
इसका कारण साझा करते हुए ताऊ देवीलाल के पुत्र और हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला बताते हैं कि उनके पिता को जमीन से जुड़ा नेता ही पसंद था। रणजीत सिंह के अनुसार संसदीय दल की बैठक में अजीत और मुलायम के बीच हुए विधायकों के शक्ति परीक्षण में महज एक वोट से मुलायम यादव जीत गए। हालांकि संसदीय बोर्ड से बाहर यह बताया गया था कि मुलायम पांच वोट से जीते हैं।
रणजीत सिंह बताते हैं कि विधायकों के इस शक्ति परीक्षण में चौधरी देवीलाल ने मुलायम सिंह साथ दिया। चौधरी देवीलाल संसदीय बोर्ड के चेयरमैन होते हुए भी इस बैठक में यह संदेश खुले रूप में दे गए कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, इसमें जमीन से जुड़ा नेता ही सीएम बने तो उन्हें खुशी होगी।
इसके बाद बेनीप्रसाद वर्मा और वीरेंद्र वर्मा जैसे देवीलाल समर्थक विधायकों के मन में कोई असमंजस नहीं रहा और उन्होंने मुलायम को सीएम बनवाने में सहयोग किया। रणजीत सिंह बताते हैं कि मुलायम सिंह से जब भी चौधरी देवीलाल या उनके परिजन मिले तभी उन्होंने इस घटनाक्रम को अहसान के रूप में याद किया।
देवीलाल ने वीरेंद्र वर्मा को पंजाब का गवर्नर बनवाकर दिया था ईनाम
रणजीत सिंह चौटाला ने बताया कि ताऊ देवीलाल ने मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और शरद यादव तीनों को ही राजनीति में ऊंचाई दिलवाई मगर मंडल कमीशन के दौरान इन तीनों ने यादव वोट राजनीति के कारण ताऊ से मुंह मोड़ लिया। तीनों ने वीपी सिंह से समझौता कर लिया। चौधरी देवीलाल अपने इस दुख को कई बार सार्वजनिक मंचों से भी कह चुके थे।
मुलायम का साथ देने वाले उत्तर प्रदेश के नेता वीरेंद्र वर्मा को कुछ समय बाद मुलायम सिंह ने नकारना शुरू कर दिया था। ताऊ जब चंद्रशेखर सरकार में एक बार फिर उपप्रधानमंत्री बने तो उन्होंने वीरेंद्र वर्मा को पंजाब राज्य का गवर्नर बनवा दिया था।
देवीलाल से राजनीतिक अनबन के कारण हरियाणा में सपा ने पैर भी पसारे
ताऊ देवीलाल से मुलायम यादव की राजनीतिक अनबन मंडल कमीशन के खिलाफ आंदोलन के दौरान ही गई थी। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने समय-समय पर हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र से कुछ सीटों पर वजूद रखने वाले नेताओं को समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़वाया। हालांकि सपा को कभी हरियाणा में कामयाबी नहीं मिली।
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