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    बुरा फंसा डेरा सच्‍चा सौदा, देनी पड़ सकती है 225 कराेड़ की क्षतिपूर्ति

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 18 Jan 2018 01:09 PM (IST)

    गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा के मामले में डेरा सच्‍चा सौदा बुरी तरह फंस सकता है और उसे नुकसान की पूतिं के ताैर पर करीब 225 करोड ...और पढ़ें

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    बुरा फंसा डेरा सच्‍चा सौदा, देनी पड़ सकती है 225 कराेड़ की क्षतिपूर्ति

    जेएनएन, चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद हुई हिंसा व तोड़-फोड़ से हुआ नुकसान सवा 200 करोड़ तक पहुंच गया है। हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को 120 करोड़ रुपये के नुकसान का ब्योरा सौंपा है। समय की कमी में कारण याचिका पर पूरी सुनवाई नहीं हो सकी, लेकिन हरियाणा सरकार की जानकारी पर हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा से जवाब मांग लिया है। बता दें कि पंजाब सरकार ने करीब 100 करोड़ का नुकसान बताया था।

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    हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की सौंपी जानकारी पर डेरे को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई आरंभ होते ही हरियाणा सरकार द्वारा नुकसान का ब्योरा सौंपा गया। कोर्ट में दी गई अर्जी के अनुसार हरियाणा में 18 करोड़ 29 लाख 37 हजार 977 रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। राजस्व नुकसान के तौर पर 80करोड़ 57 लाख 63 हजार रुपये और सुरक्षा व्यवस्था पर 20 करोड़ नौ लाख 33 हजार 824 रुपये खर्च बताया गया। इस अर्जी पर हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

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    हरियाणा में डेरा प्रकरण से 120 करोड़ से अधिक की क्षति, पंजाब भी बता चुका है 100 करोड़ का नुकसान

    उधर, डेरे की ओर से अर्जी दाखिल करते हुए इस याचिका पर ही सवाल उठा दिए गए। याचिका की मान्यता पर सवाल उठाते हुए डेरे के वकील ने याचिका को खारिज करने की अपील की। हाई कोर्ट ने कहा कि वे इस अर्जी पर 6 फरवरी को सुनवाई करेंगे और फिर देखेंगे कि जनहित में क्या है।

    न्यायपालिका का कार्य न्यायपालिका करेगी

    हाईकोर्ट ने कहा कि न तो यह कोई सिविल सूट है और न ही कोई चुनाव याचिका जिसमें अधिकार क्षेत्र का कोई बंधन हो। इस मामले में हमें कानून की पालना का मुद्दा देखना है। कोर्ट ने कहा कि हम हर मुद्दे और उठाए गए सवाल का जवाब देंगे। न्याय और जन साधारण के हित में तकनीकी अड़चनों से आगे आकर केस सुना जाएगा। जनहित याचिका में हमारे पास अधिकार है कि दोबारा मुद्दे बनाकर उन पर सुनवाई हो। न्यायपालिका का कार्य न्यायपालिका करेगी।

    डेरे की कंपनियों ने खाते सील करने को दी चुनौती

    बीते वर्ष 25 अगस्त को दुष्कर्म मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा व तोड़-फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई को लेकर सुनवाई के दौरान डेरे की सिस्टर कंसर्न कंपनियों ने अपने खाते सील किए जाने को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं पर चुटकी लेते हुए पूछा कि आखिर डेरे में और उसके बाहर चल रही इन कंपनियों में राम रहीम के आश्रम वाले सिक्के चलते हैं या भारत सरकार के।

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    इस सवाल के बाद कोर्ट रूम में बना गंभीर माहौल बदल गया। याचिका में कंपनियों की ओर से कहा गया कि उनका राम रहीम से कोई लेना देना नहीं है। यह सिस्टर कंसर्न कंपनियां हैं और इसलिए इनके खातों को सील नहींं किया जाना चाहिए। खाते सील होने के कारण कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। याचिका पर हाईकोर्ट ने पूछा कि जब इन कंपनियों की कमाई संस्थान के खाते मे ही जानी है तो किस प्रकार राहत दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि आज उनके पास समय कम है। अगली सुनवाई के दौरान वे उनकी याचिका पर विचार करेंगे।