डेरा सच्चा सौदा में अवैध रूप से रखी गई थी बच्ची, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा में नाबालिग बच्ची की अवैध हिरासत के मामले में पीजीआई चंडीगढ़ को काउंसलिंग का आदेश दिया है। गोवा निवासी पिता ने आरोप लगाया है कि बेटी को उसकी मां ने आश्रम में रोका है। पिता ने कोर्ट से चाइल्ड साइकोलाजिस्ट से काउंसलिंग कराने की गुहार लगाई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा में अपनी मां की कथित अवैध हिरासत में रखी गई नाबालिग बच्ची की काउंसलिंग पीजीआइ चंडीगढ़ द्वारा तत्काल करवाई जाए।
जस्टिस सुभाष मेहला ने कहा कि बच्ची की कस्टडी से जुड़े मुद्दे पर उसकी काउंसिलिंग करवाई जाए। इस संबंध में काउंसिलिंग का शेड्यूल तैयार कर दोनों पक्षों के वकीलों को सूचित किया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि काउंसिलिंग का पूरा खर्च पिता (याचिकाकर्ता) वहन करेंगे।
यह मामला गोवा निवासी पिता साइ प्रियानो ब्रिट्टो की ओर से दायर हैबियस कार्पस याचिका से जुड़ा है। आरोप लगाया कि उसकी बेटी को उसकी मां ने डेरा सच्चा सौदा आश्रम सिरसा में अवैध रूप से रोका हुआ है।
याचिका में यह भी कहा गया कि याचिका लंबित रहने के दौरान बच्ची को आश्रम से निकाला जाए, क्योंकि यह संस्थान कई विवादों और आपराधिक मामलों में बदनाम रहा है।
पिता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि परिवार न्यायालय अधिनियम 1984 की धारा 12 की भावना के तहत बच्ची को योग्य चाइल्ड साइकोलाजिस्ट से काउंसिलिंग दिलाई जाए और उसकी भलाई, भावनात्मक स्थिति और सर्वोत्तम हितों पर विशेषज्ञ रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाए।
पिता का कहना है कि अदालत से कई बार उन्हें बेटी की कस्टडी के आदेश मिले, लेकिन वह कभी अपनी बेटी से खुलकर बात तक नहीं कर पाए।
डेरा सच्चा सौदा के हस्तक्षेप के कारण बच्ची को स्वतंत्र इच्छा से निर्णय लेने का अवसर नहीं मिला। डेरा सच्चा सौदा की ओर से तर्क दिया गया कि याचिका में संस्था के खिलाफ कोई विशेष आरोप या राहत नहीं मांगी गई है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने पीजीआइ चंडीगढ़ को निर्देश दिया कि नियुक्त काउंसलर बच्ची की काउंसिलिंग पूरी करने के बाद रिपोर्ट दाखिल करें और यदि आवश्यक हो तो माता-पिता से बातचीत के बाद यह बताएं कि बच्ची अपनी भलाई को समझने और पिता या मां के साथ रहने का निर्णय करने की स्थिति में है या नहीं। इस मामले की अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।