आंगनबाड़ी वर्कर्स को नायब सरकार ने दी राहत, साल 2021-22 में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे होंगे रद
हरियाणा सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को रद्द करने का फैसला किया है जो वेतन बढ़वाने समेत कई मांगों को लेकर हुए आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए थे। 2021-22 में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने लंबा आंदोलन किया जिसके चलते गुरुग्राम दादरी और करनाल जैसे जिलों में पुलिस केस दर्ज हुए थे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को बड़ी राहत देते हुए चार माह तक चले आंदोलन के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स के विरुद्ध दर्ज मुकदमों को रद करने का फैसला लिया है। वेतन बढ़वाने समेत करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर राज्य में यह बड़ा आंदोलन चलाया गया था। वर्ष 2021-22 में आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने लंबा आंदोलन किया था, जिस दौरान गुरुग्राम, दादरी और करनाल समेत कई जिलों में उन पर पुलिस केस बने थे।
आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर पुलिस मुकदमों को रद करने के लिए हरियाणा सरकार को प्रतिवेदन दिए गए थे, जिस पर सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ऐसे सभी मुकदमों को रद करने का निर्णय लिया है। हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स ने 2021-2022 में चार माह तक हड़ताल की थी, जिस दौरान आंदोलन हुए और नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए थे।
यह आंदोलन वेतन बढ़ोतरी, रिटायरमेंट लाभ, कुशल व अकुशल श्रमिक का दर्जा देने, आनलाइन काम के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने समेत कई मांगों को लेकर चलाया गया था। आठ दिसंबर 2021 से लेकर चार अप्रैल 2022 तक चले आंदोलन में सैकड़ों आंदोलनकारियों पर पुलिस की ओर से मुकदमे दर्ज किए गए थे। गुरुग्राम, दादरी और करनाल में अभी भी यह मुकदमे चल रहे थे।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) इन मुकदमों को निरस्त करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही थी। छह मई 2025 को चंडीगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई यूनियन की वार्ता में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया था।
यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष रूपा राणा, महासचिव उर्मिला रावत और सीटू के प्रदेश महासचिव जय भगवान ने कहा कि चार महीने चले ऐतिहासिक आंदोलन में राज्य की वर्कर्स और हेल्पर्स के मानदेय में बढ़ोतरी, रिटायरमेंट लाभ, गर्मी सर्दी में अवकाश, जरूरी अवकाश समेत कई मांगें मनवाने में सफलता प्राप्त की थी।
इसके साथ ही हड़ताल में शामिल वर्कर्स और हेल्पर्स के मानदेय को भी 100 रुपये व 200 रुपये की कटौती कर हासिल किया गया था। आयुष्मान भारत मोबाइल एप पर अनिवार्य पंजीकरण का विरोध दूसरी तरफ, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदेश सरकार के कोष एवं लेखा विभाग द्वारा 14 जुलाई को जारी आदेश पर गहरी आपत्ति जताई है, जिसमें सभी नियमित कर्मचारियों, पेंशनर्स एवं उनके परिवारजनों को 31 जुलाई तक आयुष्मान भारत मोबाइल एप पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से बिना सुझाव लिए एकतरफा पत्र जारी किया गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव रतन कुमार जिंदल व मुख्य सलाहकार सुभाष लांबा ने आदेश की वैधता व उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए महानिदेशक, कोष एवं लेखा विभाग को पत्र भेजकर करीब एक दर्जन बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
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