हरियाणा: ई-बसों के लिए डिपो तैयार, आने वाली हैं नई बसें; चार्जिंग नेटवर्क मजबूत करेगी सरकार
हरियाणा सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत करने की योजना बना रही है। ऊर्जा विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जो विभिन ...और पढ़ें

हरियाणा: ई-बसों के लिए डिपो तैयार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड पर शिफ्ट करने की दिशा में अगले चरण में प्रवेश कर चुकी है। ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को संकेत दिए कि राज्य में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए बुनियादी ढांचा लगभग तैयार है और आने वाले तीन माह के भीतर यह व्यवस्था जमीन पर दिखने लगेगी।
उनका कहना है कि सरकार सिर्फ बसें नहीं, बल्कि पूरे चार्जिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने पर काम कर रही है। विज ने बताया कि प्रदेश में विकसित किए जा रहे इलेक्ट्रिक बस डिपो अब पूरी क्षमता से संचालन के लिए तैयार हैं।
इन डिपो से आने वाले तीन महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक बसों का नियमित संचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का फोकस केवल एक शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे प्रदेश स्तर पर एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि शहरी यातायात का दबाव कम हो और प्रदूषण नियंत्रण में ठोस योगदान दिया जा सके।
पानीपत शहर के भाजपा विधायक प्रमोद विज के सवाल के जवाब में विज ने कहा कि शहर को अलाट हुई 50 बसों में से 15 आ चुकी हैं। बाकी की तीन महीनों के अंदर मिल जाएंगी। यह चरणबद्ध प्रक्रिया इसलिए अपनाई जा रही है ताकि संचालन, चार्जिंग और मेंटेनेंस की व्यवस्था को व्यवस्थित ढंग से लागू किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में रोडवेज के बेड़े में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक बसें जोड़ना है। इलेक्ट्रिक बसों के जरिये न केवल सार्वजनिक परिवहन को आकर्षक बनाया जाएगा, बल्कि निजी वाहनों पर निर्भरता भी घटेगी।
चार्जिंग स्टेशन सबसे बड़ी चुनौती
ऊर्जा मंत्री ने साफ शब्दों में स्वीकार किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार में सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। उन्होंने कहा कि आज इलेक्ट्रिक कार और बसें तो आ गई हैं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन उतनी संख्या में नहीं हैं, जितनी होनी चाहिए।
मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई परिवार लंबी दूरी की यात्रा पर है, तो वह हर बार घर लौटकर गाड़ी चार्ज नहीं कर सकता। ऐसे में हाईवे और प्रमुख मार्गों पर सुविधायुक्त चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य हैं।
चार्जिंग स्टेशन सिर्फ प्लग प्वाइंट नहीं होंगे
विज ने वाहन निर्माता कंपनियों को सलाह दी कि चार्जिंग स्टेशन केवल तकनीकी सुविधा तक सीमित न हों। उन्होंने कहा कि जब किसी वाहन को चार्ज होने में एक से दो घंटे का समय लगता है, तो उस दौरान यात्रियों के लिए शौचालय, रेस्ट एरिया, रेस्तरां और रिफ्रेशमेंट जैसी सुविधाएं भी होनी चाहिए।
उनका तर्क था कि केवल पेट्रोल पंप पर चार्जिंग प्वाइंट बना देने से समस्या का समाधान नहीं होगा, क्योंकि वहां परिवार के साथ रुके यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं नहीं होतीं।
ऊर्जा विभाग बना नोडल एजेंसी
प्रदेश में चार्जिंग नेटवर्क को तेज गति देने के लिए सरकार ने ऊर्जा विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है। यह विभाग विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कराने में लोगों को परेशानी न हो।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस दिशा में निजी क्षेत्र और वाहन निर्माता कंपनियों के सहयोग को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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