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    'कांग्रेस की राजनीति में सब खिलाड़ी, मगर कोई यह न माने कि मैं ही बेस्ट हूं'; गुटबाजी पर बाबरिया की खरी-खरी

    By Anurag AggarwaEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 05:25 PM (IST)

    हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने पार्टी नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के खेल में सब खिलाड़ी हो सकते हैं लेकिन कोई खिलाड़ी यह कहे कि मैं ही बेस्ट खिलाड़ी हूं यह तो संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा संतुलन बिगड़ा तो नुकसान कांग्रेस को ही होगा।

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    'कांग्रेस की राजनीति में सब खिलाड़ी, मगर कोई यह न माने कि मैं ही बेस्ट हूं'; गुटबाजी पर बोले बाबरिया

    चंडीगढ़, अनुराग अग्रवाल। Deepak Babaria On Haryana Congress Politics हरियाणा के हर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मचे घमासान पर पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि किसी भी दल में गुटबाजी उसकी राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कार्य को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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    कांग्रेस पर्यवेक्षकों और समन्वयकों के सामने हर जिले में भिड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी व कुमारी सैलजा के समर्थकों को संदेश देते हुए दीपक बाबरिया ने कहा कि राजनीति के खेल में सब खिलाड़ी हो सकते हैं, लेकिन कोई खिलाड़ी यह कहे कि मैं ही बेस्ट खिलाड़ी हूं, यह तो संभव नहीं है।

    '...भाजपा इसका फायदा उठा ले जाएगी'

    कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और उनके समर्थकों को चेताते हुए कहा कि सभी को संतुलन बनाकर चलना होगा। यदि संतुलन, समन्वय और सहमति नहीं बनाई गई तो इसका नुकसान कांग्रेस को होगा तथा हमारी बड़ी विरोधी पार्टी भाजपा इसका फायदा उठा ले जाएगी, जो कि नहीं होना चाहिए।

    कांग्रेस में चल रही संगठन बनाने की प्रक्रिया

    बता दें कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस का संगठन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत कांग्रेस हाईकमान ने हर जिले से फीडबैक लेने के लिए 11 टीमें बनाई हैं, जिनमें कांग्रेस हाईकमान की ओर से एक पर्यवेक्षक तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से दो समन्वयक शामिल हैं। उन्हें कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के माध्यम से हर जिले के लिए जिलाध्यक्षों के नाम के लिए तीन-तीन दावेदारों का पैनल सौंपना है।

    प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों के संभावित नामों की सिफारिश भी इन पर्यवेक्षकों व समन्वयकों की ओर से की जानी है। पर्यवेक्षक व समन्वयक जिस भी जिले में जा रहे हैं, उनके सामने कांग्रेस नेताओं के समर्थक आपस में ना केवल मारपीट कर रहे हैं, बल्कि एक दूसरे के विरुद्ध नारेबाजी करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने इसे गंभीरता से लेते हुए गुटबाजी फैलाने वाले कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को कड़ी चेतावनी दी है।

    'पर्यवेक्षक सूचनाएं लेने आ रहे, जिलाध्यक्षों का चयन करने नहीं'

    बाबरिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी हमारे परिवार का आंतरिक मामला है। कहां लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन हो जाता है और कहां नहीं होता, यह बेहद संवेदनशील विषय है। इसके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता। हर कोई अपनी अभिव्यक्ति कर रहा है। जो अभिव्यक्ति दे रहे हैं, उन्हें जब सही बात समझ आएगी तो वह विरोध करना छोड़ देंगे। पर्यवेक्षक और समन्वयक पार्टियों में यह देखने आ रहे हैं कि जिन्हें पार्टी में नई जिम्मेदारी मिलने वाली है, उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है। वह सूचनाएं लेने आए हैं, चयन करने नहीं आए हैं।

    बाबरिया ने कहा कि पूरी सूचना इकट्ठा कर पर्यवेक्षक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पास अपनी रिपोर्ट देंगे। फिर इस रिपोर्ट पर हरियाणा के सभी बड़े नेताओं के साथ चर्चा होगी। तब राजनीतिक, सामाजिक व जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होंगी। उदयपुर में कांग्रेस ने जो प्रस्ताव पास किए थे, उसके मुताबिक महिलाओं और युवाओं को भी संगठन में महत्व दिया जाएगा।