साइबर अटैक का खतरा, मोबाइल पर न खोलें संदिग्ध लिंक; हरियाणा पुलिस ने किया सावधान
हरियाणा में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं जो फिशिंग लिंक भेजकर सेना के नाम पर चंदा मांग रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने अलर्ट जारी कर लोगों को ऐसे संदिग्ध लिंक से बचने की सलाह दी है। पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए मोबाइल पर संदेश भेज रही है ताकि वे साइबर ठगों के जाल में न फंसें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारत और पाकिस्तान के बीच बनी युद्ध जैसी स्थिति का फायदा उठाने के लिए साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं। साइबर अपराधियों ने इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर फिशिंग लिंक भेजकर न केवल चंदे की उगाही शुरू कर दी है, बल्कि साइबर अटैक का खतरा भी मंडराने लगा है। बाकायदा सेना के नाम पर पैसे दान करने की मांग की जा रही है।
साइबर ठगों से निपटने के लिए अलर्ट जारी करते हुए हरियाणा पुलिस ने लोगों को किसी भी संदिग्ध लिंक को नहीं खोलने की सलाह दी है। पुलिस और प्रशासन की ओर से लोगों को सचेत करने के लिए मोबाइल पर रिकॉर्डेड मैसेज भेजे जा रहे हैं, ताकि वे साइबर ठगों के झांसे में न आएं। साथ ही ऐसे किसी भी लिंक को आगे नहीं भेजने की चेतावनी देते हुए जागरूक किया जा रहा है कि केवल आधिकारिक रूम से भेजी गई सूचना को ही साझा किया जाए।
संदिग्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
साइबर ठगी कई तरीकों से की जा सकती है। फिशिंग अटैक साइबर ठगी का सबसे प्रचलित तरीका है। फिशिंग लिंक धोखाधड़ी वाले वेब लिंक होते हैं जो यूजर्स को नकली वेबसाइट्स पर ले जाकर उनकी निजी जानकारी यथा पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड या बैंक डिटेल्स चुराने की कोशिश करते हैं।
इसके अलावा सॉफ्टवेयर के जरिये पासवर्ड हैक करके सिस्टम ध्वस्त करते हुए संवेदनशील जानकारी हासिल की जा सकती है। मालवेयर अटैक में संदिग्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। यह वायरस वर्म्स, ट्रोजन और रैंमवेयर का रूप ले सकता है।
स्मिशिंग में संदिग्ध ईमेल या फिर एसएमएस के जरिये आनलाइन फ्राड को अंजाम दिया जाता है। लाटरी, ईमेल, बैंक अपडेटेशन के बहाने निजी जानकारी चुरा ली जाती है।
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