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    हरियाणा PWD में सहकारी समितियों को प्राथमिकता, मिलेगा एक करोड़ तक के निर्माण कार्यों का ठेका; लाइसेंसिंग-लिस्टिंग फीस माफ

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 07:55 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने लोक निर्माण विभाग के एक करोड़ रुपये तक के निर्माण कार्यों के ठेके सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों को देने का फैसला किया है। सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं जो 31 मार्च 2030 तक लागू रहेंगे। समितियों को बयाना राशि और प्रतिभूति राशि में भी छूट मिलेगी।

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    लोक निर्माण विभाग में सहकारी समिति को फायदा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराए जाने वाले एक करोड़ रुपये तक के निर्माण कार्यों का ठेका सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों को ही दिया जाएगा। श्रमिकों की व्यवस्था, माल की लोडिंग-अनलोडिंग और परिवहन तथा निर्माण सामग्री की आपूर्ति से जुडे़ अनुबंधों पर भी यह नियम लागू होगा।

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    सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं जो 31 मार्च 2030 तक लागू रहेंगे। यदि सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियां निविदा देने में असफल रहती हैं तो अन्य ठेकेदारों और सहकारी समितियों से खुली निविदाएं आमंत्रित की जा सकती हैं।

    सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियां 50 लाख रुपये तक के कार्यों के लिए 25 हजार रुपये या एक प्रतिशत जो भी कम हो, का भुगतान करेंगी। इससे अधिक राशि के कार्यों के लिए समितियों को ठेकेदारों के लिए निर्धारित बयाना राशि का सिर्फ 50 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा।

    इसी तरह प्रतिभूति राशि भी ठेकेदारों की तुलना में आधी रहेगी। समिति में अगर सभी सदस्य महिलाएं या अनुसूचित जाति के हैं तो प्रतिभूति राशि केवल 25 प्रतिशत देनी होगी। जब भी लेटर आफ क्रेडिट (एलओसी) प्राप्त होगा तो सहकारी समितियों को भुगतान में प्राथमिकता दी जाएगी।

    सरकारी अस्पतालों और शहरी स्थानीय निकायों में 60 लाख रुपये तक का सफाई का काम सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों के लिए आरक्षित रहेगा।

    समिति में सभी सदस्य महिलाएं या अनुसूचित जाति के होने चाहिए। सहकारी समितियों को लाइसेंसिंग फीस और लिस्टिंग फीस से छूट दी जाएगी।

    प्रत्येक जिले में जिला समन्वय कमेटी का गठन किया जाएगा जो श्रम और निर्माण समितियों को कार्यों के आवंटन की समीक्षा करेगी और निश्चित समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा यह कमेटी श्रम सहकारी समितियों के कामकाज से संबंधित अन्य सभी मामलों की भी समीक्षा करेगी।