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    IAS रानी नागर की जबरन सेवानिवृत्ति की तैयारी, लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर; चौथे नोटिस का भी नहीं दिया जवाब

    हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी रानी नागर को जबरन सेवानिवृत्ति देने की तैयारी में है क्योंकि वह लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर हैं और सरकार के नोटिसों का जवाब नहीं दे रही हैं। 2014 बैच की आईएएस अधिकारी नागर को पहले भी उनकी कार्यशैली के कारण नोटिस दिए गए थे। अब सरकार ने केंद्र को उनकी सेवाएँ समाप्त करने की सिफारिश की है।

    By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 07 Jul 2025 06:27 PM (IST)
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    आईएएस अधिकारी रानी नागर की जबरन सेवानिवृत्ति की चल रही तैयारी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा काडर की 2014 बैच की आइएएस अधिकारी रानी नागर को जबरन सेवानिवृत्ति देने की तैयारी है। लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर रानी नागर ने मुख्य सचिव द्वारा सेवाएं समाप्त करने को लेकर भेजे गए चौथे नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को जबरन सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेज चुकी प्रदेश सरकार अब महिला आइएएस को कोई और मौका नहीं देगी।

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    रानी नागर को आखिरी बार 11 मार्च 2020 को अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त सचिव और निदेशक के पद पर लगाया गया था, जिस पर उन्होंने 27 अक्टूबर 2020 तक सेवाएं दी। इसके बाद से ही वह ड्यूटी से गायब हैं। कार्यशैली को लेकर विवादों में रहीं महिला आइएएस को प्रदेश सरकार की ओर से पहले भी नोटिस दिए गए थे।

    इनका कोई जवाब नहीं मिलने पर केंद्र सरकार को उनकी सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश कर दी थी। इसके बाद केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग ने नागर को अंतिम व चौथा नोटिस भेजकर एक अवसर और देने के लिए कहा था।

    रानी नागर की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर केंद्र सरकार को इस बारे में लिखा जा चुका है। इस तरह से अब उनकी नौकरी हाथ से निकलती दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली रानी नागर कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रही हैं।

    उन्होंने जहां अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप जड़ दिए थे, वहीं कोरोना काल के दौरान नौकरी छोड़ने की बात भी इंटरनेट मीडिया पर लिख दी थी। बाद में अपने सगे भाई पर सवा करोड़ रुपये की प्रापर्टी हड़पने आरोप लगाते हुए शिकायत गाजियाबाद पुलिस को दी थी।

    नागर लंबे समय तक छुट्टी पर रहीं। छुट्टियों की अवधि खत्म होने के बाद प्रदेश सरकार ने उनकी छुट्टियां अस्वीकार करनी शुरू कर दीं, लेकिन वह फिर भी गैरहाजिर चलती रहीं। सरकार ने रानी नागर को मेडिकल जांच कराने का निर्देश देते हुए एक विशेष प्रकार का टेस्ट करवाने के लिए रोहतक पीजीआइ को भी लिखा, लेकिन उन्होंने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया।

    प्रदेश सरकार ने लंबे समय से गैर हाजिर रानी नागर को चार्जशीट करते हुए ड्यूटी पर न आने का कारण पूछा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कुछ समय तक वे मुख्य सचिवालय हरियाणा के चौथे फ्लोर पर बिना किसी कारण आकर बैठती भी रहीं, लेकिन बाद में मुख्य सचिव की ओर से उनके बिना वजह आकर बैठने पर रोक लगा दी गई।