Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: चार IPS और दो HPS सहित 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू, जानिए पूरा मामला

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:06 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंचकूला पुलिस के 10 अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की है। इन पर धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करने में आठ महीने की देरी का आरोप है। न्यायालय ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना है। सभी अधिकारियों को 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। न्यायालय ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है।

    Hero Image
    10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को पंचकूला पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली पर असंतोष जाहिर करते हुए चार आइपीएस, दो एचपीएस और तीन इंस्पेक्टरों सहित कुल 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन पर आठ माह तक धोखाधड़ी व ठगी के मामले में एफआइआर दर्ज करने में देरी करने का आरोप है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना गया है। अवमानना नोटिस जिन अधिकारियों को जारी किया गया है, उनमें राकेश कुमार आर्य (पूर्व पुलिस आयुक्त, पंचकूला- वर्तमान में आइजीपी क्राइम), सिबाश कबिराज (पुलिस आयुक्त पंचकूला), हिमाद्री कौशिक और मनप्रीत सिंह (पूर्व डीसीपी पंचकूला), विक्रम नेहरा और सुरेंद्र सिंह (एसीपी पंचकूला), इंस्पेक्टर हितेंद्र सिंह, कमलजीत सिंह तथा एसआइ प्रकाश चंद (आर्थिक अपराध शाखा पंचकूला) शामिल हैं।

    जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इन सभी अधिकारियों को 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। यह कार्रवाई जस्टिस सुमित गोयल द्वारा एक सितंबर को दिए आदेश के बाद शुरू हुई, जिसमें उन्होंने मामले को चीफ जस्टिस के पास संदर्भित किया था। चीफ जस्टिस ने नौ सितंबर को अवमानना कार्रवाई की अनुमति दी थी।

    हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2014) फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यदि संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है तो एफआइआर तुरंत दर्ज करना अनिवार्य है। प्रारंभिक जांच सात दिन से अधिक नहीं हो सकती और यदि देरी हो तो उसका कारण सामान्य डायरी में दर्ज होना चाहिए। यह मामला एफआइआर नंबर 265, दिनांक 19 जून 2025, थाना चंडीमंदिर, पंचकूला से संबंधित है।

    शिकायतकर्ता मलकीयत सिंह ने आरोप लगाया कि 23 जनवरी 2024 को ईडी की छापेमारी के बाद कुछ लोगों ने खुद को मोहाली जिले के एक विधायक के पीए के रूप में प्रस्तुत कर एक करोड़ रुपये मांगे और एफआइआर दर्ज नहीं होने का आश्वासन दिया। बाद में उन्होंने रकम हड़प ली और अतिरिक्त आठ करोड़ रुपये की मांग कर शिकायतकर्ता व उसके परिवार को धमकाया।

    शिकायत 23 अक्टूबर 2024 को दी गई थी, लेकिन एफआइआर आठ माह बाद 19 जून 2025 को दर्ज की गई। पुलिस द्वारा 30 जुलाई 2025 को दाखिल हलफनामे में देरी का कोई संतोषजनक कारण नहीं बताया गया। इस पर जस्टिस गोयल ने पुलिस की कार्यप्रणाली को अड़ियल और हठी बताते हुए चीफ जस्टिस से अवमानना कार्रवाई की सिफारिश की थी। अब सभी आरोपित पुलिस अधिकारियों को अदालत में जवाब दाखिल करना होगा।