Haryana Election: 'कांग्रेस की सरकार बनी तो दलित वर्ग से हो सकता है अगला मुख्यमंत्री', कुमारी सैलजा ने दिए संकेत
हरियाणा Haryana Election में कांग्रेस सरकार बनने पर अगला मुख्यमंत्री दलित वर्ग से हो सकता है। यह संकेत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने दिया है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण और मुख्यमंत्री के नाम पर आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान का होगा। कांग्रेस चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार और एकजुट है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री के नाम पर आखिरी फैसला हाईकमान का होगा। हालांकि, कांग्रेस सरकार बनने पर अगला मुख्यमंत्री दलित वर्ग से हो सकता है। टिकट वितरण में भी आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान का होता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार और एकजुट है। उन्होंने खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। अब हाईकमान ही बताएगा कि चुनाव लड़ना है या नहीं। कांग्रेस का सिस्टम है कि फाइनल फैसला हाईकमान का ही होता है, चाहे टिकट वितरण की बात हो या मुख्यमंत्री की बात हो। टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी अपना कार्य कर रही है। हमारी केंद्रीय चुनाव समिति सब बातें देखते हुए काम कर रही है।
सैलजा ने कहा कि राज्य में 90 विधानसभा सीट हैं और सभी सीटों पर पूरा गहन मंथन करते हुए ही फैसला होगा। भाजपा के दस साल के शासन में क्या हुआ, किसी को बताने की जरूरत नहीं है। जनता सब जानती है। कांग्रेस को अब आगे के 10 साल में पूरे हरियाणा के बारे में, प्रदेशवासियों के बारे में सोचना है। दस साल के कुशासन में पूरा हरियाणा जिस तरह से पिछड़ गया, उससे अब हमें आगे बढ़ना है। युवाओं को नौकरी, रोजगार, अच्छी शिक्षा मिले, इन सब चीजों की ओर आने वाले समय में ध्यान देना है।
सैलजा ने कहा कि टिकट को लेकर भाजपा में सब एक-दूसरे से उलझे हुए हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के अलग-अलग सुर हैं। भाजपा की जो हवा बनाई गई थी, वह लोकसभा चुनाव में निकल गई। 400 पार के नारे की जनता ने हवा निकाल दी। हरियाणा में पिछले दस साल में झूठ और जुमलों का जो खेला हुआ, जनता ने देखा है।
भाजपा नेताओं को भी पता लग गया है कि जनता समझ चुकी है। मुख्यमंत्री बदल डाला, फिर भी कुछ होने वाला नहीं है। अब मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अलग-अलग सुर सुनने को मिल रहे हैं। जनता ने 10 साल भाजपा की कार्यशैली देखी है, जमीन पर कुछ काम नहीं हुए।
वैसे भी भाजपा का लोगों के साथ कोई जुड़ाव नहीं है। जब भी बोला झूठ ही बोला। इनकी बातें खोखली थी, घोषणाएं खोखली थी। भाजपा के नेताओं के सुर बदल रहे हैं। कोई कुछ बोल रहा है तो कोई कुछ। परेशान जनता कांग्रेस को सत्ता सौंपने का मन बना चुकी है। जनता केवल मतदान की प्रतीक्षा कर रही है।