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    कांग्रेस की महारैली बनी जिलाध्यक्षों के लिए चुनौती, भीड़ जुटाने के लिए 4 दिसंबर को बुलाई बैठक

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 07:28 PM (IST)

    कांग्रेस की दिल्ली रैली, जिसका विषय 'वोट चोर, गद्दी छोड़' है, हरियाणा कांग्रेस के लिए एक चुनौती बन गई है। रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्षों को दी गई है, जिसके लिए उन्हें काफी प्रयास करने पड़ रहे हैं। तैयारियों की समीक्षा के लिए 4 दिसंबर को गुरुग्राम में एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

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    कांग्रेस की महारैली में भीड़ जुटाना जिलाध्यक्षों के लिए चुनौती बनी।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। 'वोट चोर, गद्दी छोड़' की थीम पर दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की रैली चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ हरियाणा कांग्रेस के पदाधिकारियों के लिए भी चुनौती बनी हुई है।

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    रैली 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है, जिसमें पूरे देश से कांग्रेस के कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल नेता शामिल होंगे। रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी हरियाणा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ दक्षिण हरियाणा में आने वाले जिला के कांग्रेस अध्यक्षों को विशेष रूप से दी गई है।

    उन्हें हर जिले से एक हजार कार्यकर्ता साथ लाने को कहा गया है। जिलाध्यक्ष प्रयास तो कर रहे हैं पर उन्हें संख्या बल जुटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। चुनौती दक्षिण हरियाणा से आने वाले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के लिए भी बड़ी है। तैयारियों की समीक्षा को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से चार दिसंबर को गुरुग्राम कांग्रेस गुरुग्राम (ग्रामीण) के बादशाहपुर स्थित कार्यालय में बैठक बुलाई गई है।

    बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी की महासचिव कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, पूर्व अध्यक्ष चौधरी उदयभान सहित हरियाणा शीर्ष नेतृत्व से जुड़े नेताओं को बुलाया गया है।

    बैठक में सांसद तथा सांसद पद के लिए उम्मीदवार, विधायक तथा विधायक पद के उम्मीदवारों को भी न्योता भेजा गया है। बैठक इसलिए बुलाई गई है कि दक्षिण हरियाणा के सात जिला, गुरुग्राम, सोनीपत, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, फरीदाबाद तथा महेंद्रगढ़ के जिला अध्यक्ष को एक-एक हजार कार्यकर्ताओं को रैली में लाने के लिए टास्क दिया गया है। जिन जिलों में ग्रामीण तथा शहरी दो विंग हैं वहां से दो हजार लोगों को रैली में लाना है।

    जिलाध्यक्ष टास्क मिलने के बाद से ही तैयारियों में लग गए पर कईयों को भाजपा राज में कांग्रेस के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ता खोजने में ठंड में भी पसीना आ रहा है। उनके लिए भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि लंबे समय बाद संगठन बनने की वजह से पहले कांग्रेस का झंडा उठाने वाले कार्यकर्ताओं को खोजना पड़ रहा है।

    पूर्व में चेहरों में बटी कांग्रेस को देख निष्ठावान कांग्रेसी या तो राजनीति से दूर हो गए या फिर भाजपा के पाले में चले गए। दूसरी बड़ी समस्या यह भी है कि दक्षिण हरियाणा से आने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता तथा प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव तथा राव दान सिंह पहले की तरह से सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। देखना यह भी होगा कि इस बैठक में कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला मौजूद रहते हैं कि नहीं, क्योंकि दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में बुलाई गई बैठक में दोनों शामिल नहीं हुए थे।

    हालांकि, बैठक के आयोजक तथा गुरुगाम कांग्रेस (ग्रामीण) के जिलाध्यक्ष वर्धन यादव ने कहा कि बैठक में आमंत्रित नेता आएंगे और तैयारियों को लेकर होने वाली समीक्षा बैठक बेहतर तरीके से संपन्न होगी। तैयारी तो पहले ही चल रही है। शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन मिलने से और भी बेहतर होगी।