Updated: Fri, 19 Sep 2025 07:34 PM (IST)
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उचाना विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह को 23 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया है। बृजेंद्र सिंह ने 215 अमान्य डाक मतों की दोबारा गिनती की मांग की है जिसके चलते भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री की याचिका खारिज कर दी गई। अब अदालत में केवल डाक मतों की वैधता पर बहस होगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जींद जिले की उचाना विधानसभा सीट पर मात्र 32 मतों के अंतर से चुनाव हारे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह को हाई कोर्ट ने अपने बयान दर्ज कराने के लिए 23 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं। बृजेंद्र सिंह हिसार से सांसद रह चुके हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं।
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उन्होंने आइएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा के टिकट पर हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हाई कोर्ट में बृजेंद्र सिंह ने रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अमान्य घोषित किए गए 215 डाक मतों की दोबारा गिनती कराने संबंधी याचिका दायर कर रखी है।
उचाना से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते विधायक देवेंद्र अत्री ने बृजेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे हाई कोर्ट बृहस्पतिवार को अस्वीकार कर चुका है। उचाना से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी जजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन वे पांचवें नंबर पर रहे थे।
अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह की सिर्फ 32 वोटों से हार हुई थी। कुल 1,377 डाक मतों में से 215 को रिटर्निंग आफिसर ने अमान्य घोषित कर दिया था, जबकि शेष बचे 1,158 डाक मतों में से 636 बृजेंद्र सिंह के पक्ष में पड़े थे। अब संशोधित याचिका के आधार पर अदालत में केवल डाक मतों की वैधता और पुनर्गणना पर बहस होगी।
कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव में उचाना सीट के परिणाम को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। जुलाई माह में हाई कोर्ट ने बृजेंद्र सिंह को अपनी चुनाव याचिका में संशोधन की अनुमति दी थी। संशोधन के बाद चुनाव याचिका केवल 215 अस्वीकृत डाक मतों की दोबारा जांच की मांग तक सीमित कर दी गई है।
हाई कोर्ट ने यह भी माना कि याचिकाकर्ता ने अन्य सभी आधारों को छोड़ते हुए केवल मतगणना की मांग पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि मामला शीघ्र निपट सके। कोर्ट ने इसे दुर्भावना नहीं माना और कहा कि यह प्रतिनिधित्व कानून या संविधान के विरुद्ध नहीं है।
कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि याची अब केवल 215 डाक मतों की अनुचित अस्वीकृति को लेकर संतुष्ट होना चाहता है और उसी आधार पर याचिका को आगे बढ़ाना चाहता है।
हालांकि, भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री की ओर से पेश वकील ने इस संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि ट्रायल शुरू होने के बाद याचिका में संशोधन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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