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    हरियाणा कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुनाव: हाईकमान ने सुनी नेताओं के मन की बात, राहुल गांधी लेंगे फैसला

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 06:55 PM (IST)

    हरियाणा कांग्रेस में जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से राय मशवरा किया। नई दिल्ली में हुई बैठक में नेताओं से संभावित नामों पर उनकी सहमति पूछी गई। अंतिम निर्णय राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे लेंगे। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को आधार बनाया जाएगा। राहुल गांधी की नीति है कि जिलाध्यक्ष इतना शक्तिशाली हो कि वह स्वयं निर्णय ले सके।

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    हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान। फोटो जागऱण

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के मन की बात सुनी। नेताओं को जिलाध्यक्ष के लिए चयनित नामों से एक पर अपनी सहमति जताई है।

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    नई दिल्ली स्थित कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय में नेताओं से बातचीत करने का दौर शाम चार बजे से आरंभ होकर साढ़े पांच बजे तक चला। हर एक को पंद्रह से बीस मिनट का समय दिया गया। प्रदेश के नेताओं से बातचीत कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल तथा कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी बीके हरिप्रसाद की।

    नेताओं की पसंद जानने के बाद अंतिम निर्णय लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे।

    सबसे पहले पार्टी केे प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान से सभी जिलों केे लिए बनाए गए पैनल पर बात हुई। बताते हैं कि जिले की कमान किसे दी जाए एक नाम पर उन्होंने अपनी सहमति दी है।

    क्यों दी जाए तो इस सवाल पर उन्होंने किसी जिले में दावेदार की कर्मठता और लोगों की बीच पैठ बताई और यह भी कहा कि जातीय समीकरण किस तरह के हैं जिनमें वह चेहरा फिट बैठ रहा है। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा अन्य नेताओं से भी सवाल किए गए।

    सूत्रों के अनुसार चयन प्रक्रिया में प्रदेश के नेताओं की सिफारिश तो ली गई पर पार्टी नेतृत्व चयन प्रक्रिया के लिए नियुक्त किए गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को ही रिपोर्ट को आधार बनाएगी। छह नाम वाले पैनल से एक नाम पर ही अंतिम मुहर लगेगी।

    पार्टी यही फार्मूला गुजरात में अपना चुकी है। राहुल गांधी की नीति है कि जिलाध्यक्ष इतना पावरफुल हो कि पार्टी की नीतिगत फैसलों को लेकर वह खुद निर्णय ले उसके ऊपर किसी नेता की छाप नहीं पड़ सके। इससे कई सालों से हरियाणा कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी भी खतम हो सकती है।

    चौधरी उदयभान ने कहा यह चयन प्रक्रिया का हिस्सा था। नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपनी राय से अवगत करा दिया है।