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    करप्शन मामले में गिरफ्तार दो IAS अधिकारी के निलंबन पर असमंजस बरकार, नियम दो दिन हिरासत में रहने वाला होता है निलंबित

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 09:49 AM (IST)

    Haryana Crime भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में चल रहे हरियाणा के आइएएस अधिकारियों विजय सिंह दहिया और जयबीर सिंह आर्य के निलंबन को लेकर असमंजस बना हुआ है। नियमानुसार 48 घंटे की हिरासत में रहने वाला आइएएस अधिकारी स्वयं निलंबित हो जाता है प्रदेश सरकार किसी आइएएस अधिकारी को सिर्फ 30 दिन तक निलंबित कर सकती है।

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    करप्शन मामले में गिरफ्तार दो IAS अधिकारी के निलंबन पर असमंजस बरकार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। Haryana Crime News: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में चल रहे हरियाणा के आइएएस अधिकारियों विजय सिंह दहिया और जयबीर सिंह आर्य के निलंबन को लेकर असमंजस बना हुआ है।

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    नियमानुसार 48 घंटे की हिरासत में रहने वाला आइएएस अधिकारी स्वयं निलंबित हो जाता है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक इन अधिकारियों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। मुख्य सचिव की वेबसाइट पर जयबीर आर्य अब भी स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक बने हुए हैं तो विजय दहिया 28 जुलाई से नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं।

    हरियाणा काडर के 2001 बैच के आइएएस अधिकारी विजय सिंह दहिया को अप्रैल में दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के मामले में विगत 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। पंचकूला की सीजेएम अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा हुआ है।

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    रिश्वत मामले में ACB ने किया था गिरफ्तार

    इसी तरह 11 अक्टूबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हरियाणा काडर के 2009 बैच के आइएएस अधिकारी जयबीर सिंह आर्य को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया था। पंचकूला की अदालत ने पहले उन्हें पुलिस (Haryana Police) रिमांड पर भेजा और फिर बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि चूंकि दोनों अधिकारी न्यायिक हिरासत में 48 घंटे से अधिक का समय बिता चुके हैं, इसलिए उनका प्रशासनिक सेवा से निलंबन बनता है।

    नियम के मुताबिक  48 घंटे हिरासत में रहने वाला खुद होता है निलंबित

    इसके बावजूद मुख्य सचिव की आधिकारिक वेबसाइट पर इन्हें निलंबित नहीं दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय सेवा के अनुशासनात्मक एवं अपील नियमों के अनुसार जब भी किसी आइएएस,आइपीएस और आइएफएस अधिकारी को किसी आपराधिक मामले या किसी अन्य कारण से 48 घंटे से अधिक की अभिरक्षा में रखा जाता है तो उसे सेवा से निलंबित माना जाता है।

    30 दिन से ज्यादा रखना है निलंबित तो केंद्र से लेना होगा कन्फर्मेशन

    इस संबंध में केंद्र सरकार से कन्फर्मेशन की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि हिरासत से रिहाई के बाद अगर उस अधिकारी को प्रदेश सरकार द्वारा 30 दिन से अधिक समय तक निलंबित रखना है तो फिर केंद्र सरकार से कन्फर्मेशन लेनी पड़ेगी।

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