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    हरियाणा अफसरशाही में टकराव, IPS पूरन सुसाइड केस के बाद आईएएस और आईपीएस लॉबी में गुटबाजी शुरू

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 12:47 PM (IST)

    हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद राज्य की अफसरशाही में टकराव बढ़ने की आशंका है। दलित आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस अधिकारियों के एकजुट होने की खबर है। दलित संगठनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दी है और आरोपित अधिकारी बचाव में जुटे हैं।

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    हरियाणा के आईएएस और आईपीएस लॉबी में गुटबाजी तेज।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के राष्ट्रपति पदक विजेता आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के प्रकरण में एफआईआर दर्ज होने के बाद राज्य की अफसरशाही में टकराव बढ़ने वाला है। अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले आईएएस, आईपीएस, एचसीएस तथा एचपीएस के एकजुट होने की सूचना है।

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    साथ ही ऐसे अधिकारी भी एकजुट हो रहे हैं, जो पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया के साथ हैं और उन्हें फंसाने की आशंका जता रहे हैं। हरियाणा के कुछ दलित संगठनों ने वीरवार शाम को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके चंडीगढ़ आवास पर मुलाकात की और वाई आरोपित अधिकारियों को निलंबित व गिरफ्तार करने की मांग की।

    दलित संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने की सूचना के चलते सिक्योरिटी एजेंसियां सतर्क हो गईं तथा मुख्यमंत्री आवास के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की गई। हरियाणा की अफसरशाही और राजनीतिक दलों के बीच वाई पूरन कुमार के आत्महत्या प्रकरण की चर्चा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जापान दौरे से लौटने के बाद चंडीगढ़ में वीरवार शाम को बुलाई प्रेस कान्फ्रेंस भी स्थगित कर दी।

    जिन अधिकारियों के नाम हैं, वे अपने-अपने स्तर पर बचाव में पूरे दिन जुटे रहे। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर इससे पहले हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक थे। उस समय में उन्होंने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसके चलते आईएएस लाबी पहले से ही उनके विरुद्ध चल रही थी।

    पूरन कुमार के माध्यम से आईएएस अधिकारियों को कपूर के विरुद्ध मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है, जबकि कपूर की गिनती मजबूत व ईमानदार अधिकारियों में होती है। बताया जाता है कि बुधवार की रात चंडीगढ़ में अनुसूचित जाति के अधिकारियों की एक बैठक हुई है, जिसके बाद सरकार पर वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था। अब सरकार पर कपूर के समर्थक अधिकारियों का दबाव बढ़ सकता है।