Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana: सिंचाई विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी बन सकेंगे जेई और एएसडीई, पूरी करनी होगी ये पात्रता

    Updated: Wed, 31 Jan 2024 07:04 PM (IST)

    हरियाणा में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में कार्यरत थर्ड और फोर्थ क्लास के कर्मचारी भी जेई और एएसडीई बन सकते हैं। इसके लिए जेई और एएसडीई के सेवा नियमों में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही जेई के 85 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती होगी जबकि पांच प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी और 10 फीसदी तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए आरक्षित होंगे।

    Hero Image
    सिंचाई विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी बन सकेंगे जेई और एएसडीई।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी कनिष्ठ अभियंता (जेई) या फिर अपर उपमंडल अभियंता (एएसडीई) बन सकेंगे। जेई के 85 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होगी, जबकि पांच प्रतिशत पद चतुर्थ श्रेणी और 10 प्रतिशत पद तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए आरक्षित रहेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूरी करनी होगी ये पात्रता

    प्रदेश सरकार ने जेई और एएसडीई के सेवा नियमों में बदलाव किया है। सिंचाई विभाग में जेई के कुल 1341 पद हैं, जिनमें 1208 पद जेई सिविल, 93 जेई यांत्रिक और 40 पद जेई विद्युत के हैं। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा में केवल 54 वर्ष से कम आयु के कर्मचारी ही पात्र होंगे। पदोन्नति के लिए परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लेने होंगे। अगर आरक्षित पदों के लिए परीक्षा पास करने वाले कर्मचारियों की संख्या अधिक हुई तो बाकी कर्मचारियों को उसी वर्ष में रिक्त होने वाले पदों पर मेरिट के अनुसार नियुक्ति दी जाएगी।

    ये भी पढ़ें: Road Accident in Hisar: शोक सभा से लौट रहा था परिवार, सामने से काल बनकर आई रोडवेज बस और फिर...

    18 साल की संतोषजनक सेवा के बाद जेई बन सकेंगे अपर उपमंडल अभियंता

    कनिष्ठ अभियंता के पद पर 18 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को अपर उपमंडल अभियंता के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डिप्लोमा या डिग्री रखने वाले उम्मीदवार ही पात्र होंगे। सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना सेवा में रहते हुए प्राप्त की गई उच्चतर योग्यता को किसी सेवा लाभ के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    ये भी पढ़ें: Kurukshetra: तनाव मुक्त रखने के लिए NIT में शुरू हुई अनूठी पहल, मेल-जोल बढ़ाने में जुटे विद्यार्थियों के 12 क्लब