हरियाणा सरकार ने पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव किया है। सीआईडी चीफ आलोक मित्तल को अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनाया गया है। उनकी जगह फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह नए सीआईडी चीफ होंगे। सौरभ सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं और अपने 26 वर्ष के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद से पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर फेरबदल जारी है। इसी क्रम में रविवार को प्रदेश सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए सीआईडी चीफ को बदल दिया। करीब साढ़े चार साल तक सीआईडी चीफ रहे आइपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनाया गया है।
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उनकी जगह फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह नए सीआईडी चीफ होंगे। वर्ष 2018 में बेहतर अनुसंधान कार्य और सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित सौरभ सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। अपने 26 वर्ष के कार्यकाल के दौरान 1998 बैच के यह आईपीएस अधिकारी फतेहाबाद, भिवानी, झज्जर, सिरसा, रोहतक व जींद में पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपायुक्त गुरुग्राम व पुलिस अधीक्षक यातायात के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
इन पदों पर दे चुके हैं सेवाएं
पुलिस महानिरीक्षक होते हुए पुलिस आयुक्त पंचकूला, आईजी अपराध, सुरक्षा और आईआरबी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी। अक्टूबर में उन्हें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में पदोन्नति के बाद नवंबर में फरीदाबाद का पुलिस आयुक्त बनाया गया था। उनकी गिनती तेज-तर्रार अफसरों में होती है, जिससे सीआईडी की कार्यप्रणाली में बदलाव आना तय माना जा रहा है।
सीएम नायब सैनी ने दी बड़ी जिम्मेदारी
वहीं, सीआईडी प्रमुख के तौर पर एडीजीपी आलोक मित्तल की तैनाती पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में 30 जुलाई 2020 को हुई थी। 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल तब नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) में डेपुटेशन पूरा करके लौटे थे।
उन्हें मनोहर लाल का विश्वसनीय अधिकारी माना जाता है। अब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी है। इलाहाबाद में 1969 में पैदा हुए आलोक मित्तल ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री, नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से सायबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है।
1993 में की थी यूपीपीएससी उत्तीर्ण
1993 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके आईपीएस बने। आलोक मित्तल ने ही देश में सबसे पहले वर्ष 2007 में फरीदाबाद में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महिला पीसीआर शुरू की थी। जब तेलगी स्टांप घोटाला हुआ था, तब आलोक सीबीआइ में एसपी थे।
उन्होंने ही इस मामले में बाद में आयकर विभाग को शामिल किया, ताकि तेलगी की संपत्ति और आय का आकलन विधिवत हो सके। आलोक मित्तल राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजे जा चुके हैं।
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