जमीन की अदला-बदली से चंडीगढ़ का इन्कार, हरियाणा के नए विधानसभा भवन में अड़ंगा
चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए नया भवन बनाने का मुद्दा लगभग समाप्त हो गया है। हरियाणा सरकार जमीन के बदले जमीन देने की बात कर रही थी जिसे चंडीगढ़ प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया। छह माह से इस मुद्दे पर कोई पत्राचार नहीं हुआ है। हरियाणा रेलवे स्टेशन के पास दस एकड़ जमीन चाहता था लेकिन प्रशासन ने अदला-बदली की नीति को अस्वीकार कर दिया है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए नया भवन बनाने का मुद्दा अब लगभग समाप्त हो गया है। हरियाणा ने जमीन के बदले जमीन देने की बात कही थी, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया है। हरियाणा भी इस मुद्दे पर आगे बढ़ता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि छह माह से कोई पत्राचार तक नहीं किया है।
हरियाणा रेलवे स्टेशन के पास दस एकड़ जमीन लेना चाहता था। जमीन खरीदने पर हरियाणा को कलेक्टर रेट पर भुगतान करने के लिए कहा था। अब एक अप्रैल से नए कलेक्ट रेट लागू होने से जमीन के रेट और बढ़ गए हैं। अब पिछले प्रपोजल के अनुसार हरियाणा को चंडीगढ़ में 640 करोड़ रुपये की जमीन नहीं मिलेगी।
हरियाणा ने यूटी प्रशासन के समक्ष अदला बदली की नीति रखी थी जिसके तहत वह रेलवे स्टेशन के पास दस एकड़ जमीन लेने के बदले अपने एरिया के सकेतड़ी की 12 एकड़ जमीन देने के लिए तैयार था। हरियाणा ने 12 एकड़ जमीन का इको सेंसेटिव जोन का विवाद खत्म करने के लिए केंद्र सरकार से पर्यावरण मंत्रालय से मांग करके अधिसूचना जारी करवाई। लेकिन इसका फायदा नहीं मिला।
यूटी प्रशासन के अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अदला बदली की नीति के तहत जमीन नहीं दी जाएगी और दूसरा पंजाब को भी जमीन देने पर आपत्ति है। पंजाब की आम आदमी पार्टी ने भी प्रशासन ने अपने पार्टी भवन के लिए जमीन मांगी है। इस प्रस्ताव पर भी प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है।
शहर में वैसे भी जमीन की भारी कमी है। प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार अब हरियाणा की ओर से भी कोई रूचि नहीं दिखाई जा रही है। प्रशासन अदला बदली की नीति के तहत जमीन नहीं देगा ।
अदला-बदली की नीति में कई पेच
इको सेंसटिव जोन का विवाद सुलझने के बाद भी पंचकूला से सकेतड़ी एरिया की जो 12 एकड़ जमीन हरियाणा ने यूटी प्रशासन को देेने का प्रपोजल दिया उसमें कई तरह की समस्या हैं। इसके साथ ही जो दस एकड़ जमीन विधानसभा केे लिए जमीन दी जा रही थी उसके बदले में मिलने वाली जमीन के मुकाबले में उतनी प्रमुख नहीं है। जबकि रेलवे स्टेशन के पास जहां पर नए विधानसभा भवन का निर्माण होना है उसकी प्राइम लोकेशन है और उसकी कीमत भी ज्यादा है।
दूसरा प्रशासन के मास्टर प्लान 2031 में अदला बदली की कोई नीति का प्रविधान नहीं है। आज तक जमीन के लिए कभी भी अदला बदली नीति का इस्तेमाल नहीं किया है। सकेतड़ी की 12 एकड़ जमीन से ड्रेन गुजरती है। प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार दोनों स्थलों की पहुंच और शहरी योजना के दृष्टिकोण से मापदंड बराबर नहीं हैं।
योजना विभाग ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दी गई भूमि से एक प्राकृतिक ड्रेन गुजरती है, जो भूमि को दो हिस्सों में विभाजित करती है। इस प्राकृतिक ड्रेन के पास निर्माण करना संभव नहीं है क्योंकि यह काफी चौड़ा है।
इसके अलावा विभाग के अनुसार चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा भवन के लिए चिह्नित भूमि 100 फीट चौड़ी सड़क पर स्थित है, जो माध्यमार्ग से जुड़ी है और शहर के प्रमुख स्थान पर है। इसके विपरीत, हरियाणा में चंडीगढ़ के लिए चिह्नित भूमि तक पहुंचने के लिए सिर्फ 20 फीट चौड़ी सड़क का उपयोग किया जाता है, जो किशनगढ़ और भगवानपुर गांव से होकर गुजरती है।
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