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    भिवानी की मनीषा मौत केस पर हरियाणा विधानसभा में बवाल, कानून व्यवस्था के मुद्दे पर CM सैनी से भिड़ गए भूपेंद्र हुड्डा

    हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस के काम रोको प्रस्ताव पर जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए। हुड्डा सरकार के समय के आपराधिक मामले भी उठाए गए जिस पर तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि राज्य में कानून का राज है और हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Anku Chahar Updated: Tue, 26 Aug 2025 10:25 PM (IST)
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    विधानसभा में कानून व्यवस्था को लेकर आमने-सामने भूपेंद्र हुड्डा और CM सैनी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस के काम रोको प्रस्ताव पर जबरदस्त हंगामा हुआ।

    करीब दो घंटे के लिए इस काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन सदन में पौने चार घंटे तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा।

    इस दौरान हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान के बड़े आपराधिक मामलों को भी उठाया गया। राेहतक का अपना घर और हिसार का मिर्चपुर कांड उठाने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई बार भिड़ंत की स्थिति पैदा हुई।

    चर्चा के दौरान कई मौके ऐसे आए जब दोनों तरफ के विधायक और सरकार के मंत्री अपनी सीटों पर खड़े होकर एक-दूसरे के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा काम रोको प्रस्ताव पर हुई लंबी चर्चा के बाद जब जवाब दिया जा रहा था, तब उससे असहमति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकाें ने वाकआउट कर दिया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था काफी अच्छी है। प्रदेश अपराधियों की हैसियत से नहीं, कानून की हुकूमत से चलता है।

    कांग्रेस के काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भिवानी की मनीषा की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का मुद्दा भी उठा। सीएम ने जानकारी दी कि इस केस की जांच सीबीआइ को सौंपी जा चुकी है।

    इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री विपुल गोयल, डाक्टर अरविंद शर्मा, महिपाल ढांडा और कृष्ण बेदी विपक्ष पर पूरी तरह हमलावर रहे।

    कांग्रेस की ओर से युवा विधायक जस्सी पेटवाड़, कुलदीप वत्स, बलराम दांगी, इंदुराज नरवाल, शीशपाल केहरवाला, गीता भुक्कल, शकुंतला खटक और आदित्य सुरजेवाला ने मोर्चा संभाला।

    कांग्रेस ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर काम रोको प्रस्ताव मानसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को दिया था।

    उस दिन छह बार सदन स्थगित हुआ, लेकिन स्पीकर ने सदन की पूरी कार्यवाही स्थगित करने की बजाय इस प्रस्ताव को मंगलवार को चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया था।

    खास बात यह रही कि कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, अशोक अरोड़ा, आफताब अहमद और बीबी बतरा समेत 18 विधायकों द्वारा लाए गए इस काम रोको प्रस्ताव पर सदन का अधिकतर काम निपटाने के बाद चर्चा आरंभ की गई।

    इससे पहले काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करते हुए कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने राज्य में अपराध के आंकड़े रखे।

    उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इवेंट पर कम ध्यान दे और अपराध रोकने पर ज्यादा काम करे। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि पुलिस को उसकी ड्यूटी करने दी जानी चाहिए।

    संसदीय कार्यमंत्री महिपाल ढांडा ने मोर्चा संभालते हुए कांग्रेस कार्यकाल में हुए आपराधिक आंकड़ों को गिनाना शुरू कर दिया। ढांडा ने कहा कि दस साल में 13 प्रतिशत आबादी बढ़ी है तो स्वाभाविक है कि थोड़ा-बहुत अपराध भी बढ़ा होगा।

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    इस पर कांग्रेस विधायक टेबल पीटते हुए खड़े हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। जस्सी पेटवाड़ ने नारे लगाने शुरू कर दिए कि सीएम सदन में आओ, जवाब दो, अपराध पर अंकुश लगाओ।

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अचानक यह कहकर कि मनीषा हत्याकांड में भाऊ की काल आती है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

    इस पर माहौल फिर गर्म हो गया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि आप अपने कार्यकाल की बात करो, कांग्रेस के कार्यकाल की नहीं।

    कैबिनेट मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने पलटवार किया कि यह भी देख लिया जाए कि यह अपराधी कब पैदा हुए थे। मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने हिसार के मिर्चपुर कांड का जिक्र किया तो फिर हंगामा हो गया। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस अपराधियों पर नकेल कस रही है।

    CM सैनी ने साधा पूर्व की हुड्डा सरकार पर निशाना

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मोर्चा संभालते हुए 10 अप्रैल 2008 की रोहतक की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पांच पुलिस कर्मचारियों ने थाने में ही सामूहिक दुष्कर्म किया था।

    40 दिन तक महिला केस दर्ज कराने के लिए दर-दर भटकती रही। सीबीआइ जांच के बाद ही उसे न्याय मिला था। मुख्यमंत्री ने रोहतक के अपना घर कांड और बदमाशों को पकड़ नहीं पाने में तत्कालीन हुड्डा सरकार के कई उदाहरण पेश किए।

    इस पर हुड्डा ने कहा कि पहले भी यही अफसर थे और आज भी यही अफसर हैं। नायब सैनी ने कहा कि फर्क सिर्फ इतना है कि आज पीएम की कुर्सी पर नरेन्द्र मोदी हैं। कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने कहा कि पुलिस को काम करने के लिए खुली छूट मिलनी चाहिए।

    सदन छोड़कर क्यों चले गए विपक्षी विधायक?

    भाजपा विधायक तेजपाल तंवर ने कांग्रेस के युवा विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें सच्चाई सुननी चाहिए। सीएम नायब सैनी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के क्षेत्र में बच्चियों पर जुल्म होते थे।

    सीबीआइ जांच नहीं करती तो उन्हें न्याय नहीं मिलता। मैंने सच्चाई कही तो यह सदन छोड़कर चले गए। रहा मनीषा की मौत का मामला, तो जांच सीबीआइ को सौंप दी गई है।

    CM सैनी ने भूपेंद्र हुड्डा को बताया पिता समान

    मुख्यमंत्री ने सदन में हुड्डा का नाम लेकर कहा कि आप मेरे पिता के समान और मैं आपके बेटे के समान हूं। आपके पिता संविधान सभा के सदस्य रहे हैं। आप दस साल तक इस प्रदेश के मुखिया रहे।

    मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके बेटे के समान हूं और हर सवाल का जवाब दूंगा। किसी भी सवाल से भाग नहीं रहा हूं। आज देश-प्रदेश की स्थिति बदली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले लिए जा रहे हैं।