Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SYL Canal Dispute: एसवाईएल मामले में केंद्र करेगा मध्यस्थता, 28 दिसंबर को होगी हरियाणा व पंजाब के सीएम की बैठक

    By Anurag AggarwaEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Thu, 14 Dec 2023 06:05 PM (IST)

    सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL Canal Dispute) मामले को लेकर एक बार फिर 28 दिसंबर को हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। इस बैठक में केंद्र भी मध्यस्थता करेगा जिसमें केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहेंगे। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब पहले नहर बनाए पानी का बंटवारा बाद में कर लेंगे।

    Hero Image
    एसवाईएल मामले में केंद्र करेगा मध्यस्थता (फाइल फोटो)।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) के निर्माण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार ने प्रक्रिया आरंभ कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि हरियाणा में एसवाईएल नहर का निर्माण कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसके लिए केंद्र सरकार नोडल एजेंसी नियुक्त कर सकती है। पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे बढ़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाए जाने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    28 दिसंबर को होगी हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बैठक

    चंडीगढ़ में यह बैठक 28 दिसंबर को शाम चार बजे होगी, जिसमें हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों समेत बाकी अधिकारी भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसवाईएल नहर का निर्माण होना है तो होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं है। पंजाब बार-बार यह कहकर एसवाईएल नहर के निर्माण से भागता है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है, लेकिन असली मुद्दा पानी के बंटवारे का नहीं, बल्कि एसवाईएल नहर के बनाने का है।

    2025 में ट्रि्ब्यूनल बैठक में होगा पानी का बंटवारा

    मुख्यमंत्री ने बताया कि पानी का बंटवारा 2025 में ट्रिब्यूनल की बैठक में होगा, जिसमें कई राज्य शामिल होंगे। हम किसी से पानी नहीं छीन सकते। पानी का बंटवारा राज्यों की जरूरत और पानी की उपलब्धता पर होता है। हरियाणा ने यह कभी नहीं कहा कि हमें पूर्व के बंटवारे के हिसाब से ही पानी चाहिए। पानी के बंटवारे में कम ज्यादा हो सकता है और यह बाद का विषय है, लेकिन पहला विषय एसवाईएल नहर के निर्माण का है।

    ये भी पढ़ें: Haryana: विधानसभा में खुली चर्चा के बाद ही पास होगा मृत शरीर सम्मान विधेयक, सीएम मनोहर लाल ने कहा- 'सभी विधायकों की सहमति जरूरी'

    हरियाणा के हक में दिया सुप्रीम कोर्ट ने फैसला

    सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में हरियाणा के हक में फैसला दे रखा है, जिसे लागू कराए जाने की जरूरत है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पंजाब एसवाईएल नहर का निर्माण क्यों नहीं करवाना चाहता, यह सवाल तो पंजाब के सीएम से ही पूछा जाना चाहिए, लेकिन हमारा इतना मानना है कि एसवाईएल नहर बनकर रहेगी

    ये भी पढ़ें: Haryana: सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को दी चुनौती, कहा- 'आप मैदान में आओ, देखते हैं किसमें कितना है दम'