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    हरियाणा: आपातकाल में जेल जाने वालों के परिवारों को मिलेगा कैशलेस इलाज, द्वितीय विश्व युद्ध के बंदियों के परिवार भी शामिल 

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:34 PM (IST)

    हरियाणा सरकार कैशलेस इलाज योजना का विस्तार करने जा रही है। इसमें आपातकाल में जेल जाने वालों के परिवारों, स्वतंत्रता सेनानियों और हिंदी आंदोलन के परिवारों को शामिल किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। पहले से ही 3.5 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

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    हरियाणा: आपातकाल में जेल जाने वालों के परिवारों को मिलेगा कैशलेस इलाज। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार जल्द ही कैशलेस इलाज की सुविधा का विस्तार करेगी। इस योजना में कई नई श्रेणियों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र के अधिकारियों को पत्र लिखकर योजना का ड्राफ्ट भेज दिया है। इस योजना में आपातकाल के दौरान जेलों में जाने वालों के परिवारों समेत अन्य श्रेणियों के लोगों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा।

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    योजना में भारतीय राष्ट्रीय सेना के सैनिकों, द्वितीय विश्व युद्ध के बंदियों और हिंदी आंदोलन के परिवारों को पांच लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने का प्रस्ताव सरकार ने रखा है। हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत हरियाणा के करीब 3.5 लाख नियमित कर्मचारी, तीन लाख पेंशनभोगी और उनके 20 लाख आश्रित सूचीबद्ध अस्पतालों से कैशलेस उपचार की सुविधा का लाभ ले रहे हैं।

    हरियाणा में इस योजना का लाभ देने के लिए कुल 569 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं। हरियाणा सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी कर्मचारियों की तर्ज पर कैशलेस इलाज की सुविधा देने की घोषणा कर रखी है, लेकिन अधिकारी सरकार की इस घोषणा को सिरे चढ़ाने की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।

    लिहाजा घोषणा के कई सालों बाद तक भी मान्यता प्राप्त पत्रकार कैशलेज इलाज की सुविधा से वंचित हैं। इस संबंध में राज्य के पत्रकार संगठन सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं। आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण नई दिल्ली के निदेशक को एक आधिकारिक पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि वे सीसीएचएफ योजना के अंतर्गत उपरोक्त श्रेणियों को शामिल करने के लिए साफ्टवेयर में बदलाव करते हुए अनुमति प्रदान करें। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी।