हरियाणा के विधायकों और पूर्व विधायकों को धमकी देने के मामले के तार मध्य पूर्वी देशों से जुड़े
Threating Calls to Haryana MLAs हरियाणा के कई विधायकों और पूर्व विधायकों को धमकी दिए जाने के मामले में बड़ा तथ्य सामने आया है। अपराधी इंटरनेट पर नंंबर खोज कर विधायकों और पूर्व विधायकों को धमकी देते थे। Criminals threaten Haryana MLAs and former MLAs by searching numbers on Internet
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के मौजूदा चार विधायकों और दिल्ली व पंजाब के कई पूर्व विधायकों को धमकी देकर चौथ मांगने वाले गिरोह के तार पाकिस्तान के साथ-साथ मध्य पूर्वी देशों से जुड़े हैं। सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी और भारतीय लोग काम करते हैं। इस गिरोह द्वारा पिछले आठ माह के भीतर 727 बैंक खातों में 867 ट्रांजक्शन करते हुए दो करोड़ 77 लाख तीन हजार 750 रुपये की रकम भेजने का पता चला है, लेकिन स्पेशल टास्क फोर्स को आशंका है कि इनकी संख्या अधिक हो सकती है, जिसकी जांच चल रही है।
हरियाणा के साथ-साथ पंजाब व दिल्ली के पूर्व विधायकों को बना चुके निशाना
अधिकतर बैंक खाते पाकिस्तान के हैं। मध्य पूर्वी देशों में खुले खातों में भी रकम भेजी जाती रही है। हरियाणा के कुछ पुलिस वालों को नकली वीआइपी बनाकर एक योजना के तहत इस गिरोह की धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया, जिसके चलते एसटीएफ वास्तविक अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब हुई। एसटीएफ ने जिन छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है, वह मुंबई, छपरा और मुजफ्फरपुर से पकड़े गए हैं। दिल्ली व पंजाब के जिन पूर्व विधायकों को इस गिरोह ने धमकियां दी हैं, उन्होंने किसी तरह के पचड़े में पड़ने से बचने के लिए इन धमकियों को सार्वजनिक नहीं किया।
पाकिस्तान के अलावा मध्य पूर्वी देशों में फैला रखा ठगी करने का अवैध नेटवर्क
इस गिरोह ने पाकिस्तान समेत मध्य पूर्वी देशों में काम करने वाले लोगों को उनके बैंक खाते खोलने के लिए भुगतान किया, जिनमें धोधाखड़ी, फिरौती, लाटरी अथवा फर्जी काल के जरिये आने वाले पैसे मंगवाए जाते थे। इसके बदले में मूल खाताधारक गरीब लोगों को कुछ रकम प्रदान कर दी जाती थी। सोहना के भाजपा विधायक संजय सिंह, सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार, सढ़ोरा की कांग्रेस विधायक रेणुबाला और सफीदो के कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली को पिछले दिनों विदेशी काल आई और उनसे फितौरी मांगी गई।
नकली वीआइपी बनकर पुलिस वालों ने खुद को बनाया गिरोह की ठगी का शिकार
फिरौती नहीं देने की स्थिति में परिवार को उड़ा देने की धमकियां दी गई, जिसके बाद सुरेंद्र पंवार ने तो विधायक पद से इस्तीफा तक दे दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कड़ी कार्रवाई का भरोसा मिलने के बाद पंवार ने अपना इस्तीफा वापस लिया था। इस मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति में जबरदस्त भूचाल आ चुका है।
विधायकों को धमकी देने का मामला काफी चर्चित रहा है। कांग्रेस विधायकों ने इसे विधानसभा में भी उठाया, जिस पर जबरदस्त हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री व गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर आइजी सथीश बालन के नेतृत्व ने गठित एसटीएफ ने इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली थी, जिनसे पूछताछ के बाद कई चौकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
जांच में सामने आया कि सीज किए गए 727 बैंक खाते उन व्यक्तियो के हैं, जिनके परिवार से कोई न कोई सदस्य मध्य पूर्वी देशों में नौकरी करते हैं। इन्हीं व्यक्तियों व उनके परिजनों के बैंक खातों का प्रयोग कर ठगी द्वारा प्राप्त किया गया धन हवाला के जरिए पाकिस्तान में भेजा जाता है। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि प्रयोग किए गए कुछ खाताधारक भी इस गैंग के द्वारा ठगी का शिकार हुए होंगे। पुलिस इस दिशा में गहराई से जांच कर रही है।
एसटीएफ के निशाने पर 10 पाकिस्तान, मूसेवाला भी रहा निशाने पर
हरियाणा पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार इस गिरोह के सदस्यों ने योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए गणमान्य लोगों के मोबाइल नंबर, संबंधित जानकारी इंटरनेट से ली तथा लोकल गैंगस्टर्स के नाम से वाट्सप के जरिये काल और चैट से धमकियां देकर धन ऐंठने का प्रयास किया। कौन बनेगा करोड़पति, जीरो ब्याज लोन और ओटीपी फ्राड के जरिये यह लोग आनलाइन ठगी का काम करते रहे हैं।
आशंका जाहिर की गई थी कि पंजाबी सिंगल सिद्धू मूसेवाला को भी इसी गैंग के सदस्यों ने धमकियां दी थी। पुलिस ने कहा कि 24 से 28 जून के बीच हरियाणा के चारों विधायकों को जबरन वसूली के लिए काल में अलग-अलग स्वर, भाषा और संवाद शैली का इस्तेमाल किया गया। कभी मुंबई भाषा बोली गई तो कभी पंजाबी और मराठी। एसटीएफ को 10 पाकिस्तानी निवासियों के बारे में पता चला, जिनके माध्यम से धमकियां और जबरन वसूली के लिए काल किए गए थे।