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    हरियाणा में जमीन खरीदना होगा महंगा, अगले महीने बढ़ेगा कलेक्टर रेट; जानिए कितनी होगी बढ़ोतरी

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 12:11 AM (IST)

    हरियाणा में अब सभी जिलों में घर बनाना महंगा होने जा रहा है। राज्य सरकार 1 अगस्त से नए कलेक्टर रेट लागू करने की तैयारी कर रही है। नायब सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश में कलेक्टर रेट की नई दरें लागू की जाएंगी। राजस्व विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है।

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    हरियाणा में जमीन खरीदना होगा महंगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब सभी जिलों में घर बनाना महंगा होने जा रहा है। राज्य सरकार ने एक अगस्त से प्रदेश में नए कलेक्टर रेट लागू करने की तैयारी कर ली है। नई दरें लागू होने से हरियाणा में जमीनों की खरीद-फरोख्त महंगी हो जाएगी। नायब सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका होगा जब प्रदेश में कलेक्टर रेट की नई दरें लागू की जाएंगी।

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    हरियाणा में कलेक्टर रेट को लेकर पिछले कई माह से विवाद चल रहा है। प्रदेश में पिछले साल पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते एक दिसंबर को ही नए कलेक्टर रेट लागू किए जा सके थे।

    बाद में सरकार ने इसे 30 मार्च तक मान्य कर दिया था। प्रदेश में 2025-26 के लिए कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। करीब तीन महीने पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में संशोधन को लेकर बैठक भी हुई, मगर फिर संशोधन को स्थगित कर दिया गया था।

    अब 2025-26 के लिए पहली अगस्त से नए कलेक्टर रेट के हिसाब से ही जमीन की रजिस्ट्रियां होंगी। राजस्व विभाग की तरफ से बृहस्पतिवार को सभी मंडल आयुक्तों तथा जिला उपायुक्तों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। नए कलेक्टर रेट के लिए विभिन्न स्थानों पर पांच से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।

    पिछले साल की गई 12 से 32 प्रतिशत बढ़ोतरी

    पिछले साल जमीन के कलेक्टर रेट 12 से 32 प्रतिशत तक बढ़ाए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में जमीन बहुत अधिक महंगी है, इसलिए वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी अधिक रखे गए थे।

    इनमें रोहतक, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत और गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। इस बार भी यहां रेट ज्यादा होने के आसार हैं।

    क्या है कलेक्टर रेट

    कलेक्टर रेट किसी भी जिले में जमीन की वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर कोई रियल एस्टेट प्रापर्टी खरीदार को बेची जा सकती है। इसी पर तहसीलों में प्रापर्टी की रजिस्ट्री होती है। कलेक्टर रेट समय-समय पर बदलता रहता है, जो स्थान और बाजार के रुझान पर निर्भर करता है।

    जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर कलेक्टर रेट बेहद अहम होता है। अलग-अलग स्थानों पर वहां के हालात और मार्केट रिसर्च के बाद ही वेल्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट देती है। इसके बाद ही रेट बढ़ाने का फैसला होता है।