स्कूली बच्चों और यात्रियों की थमने लगी थीं सांसें, मच गई थी चीख-पुकार, शुक्र है बस गहरी खाई में गिरने से बच गई, मोरनी में बड़ा हादसा टला
मोरनी में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। एक बस, जिसमें स्कूली बच्चे और यात्री सवार थे, गहरी खाई में गिरने से बाल-बाल बच गई। बस में स्कूली छात्र-छात्राओं समेत करीब 70 सवारियों थीं। चालक ने बस को अंदर की ओर मोड़कर समय रहते ब्रेक लगा दिए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।

मोरनी में गझान और रसून गांव के बीच तीखे मोड़ पर संतुलन बिगड़ने पर बस खाई में गिरने से बची।
संवाद सहयोगी, मोरनी। मोरनी-टिक्करताल मार्ग पर वीरवार शाम बड़ा हादसा टल गया। बस गहरी खाई में गिरने से बच गई और स्कूली बच्चों समेत करीब 70 यात्रियों की जान बच गई।
गझान और रसून गांव के बीच एक नुकीले मोड़ पर सड़क के किनारे मिट्टी और मलबे के कारण बस का संतुलन बिगड़ गया। बस गहरी खाई के किनारे झूलती हुई रुक गई। उस समय बस में सवार स्कूली छात्र-छात्राओं समेत करीब 70 सवारियों की सांसें थम गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर चीख-पुकार मच गई। बच्चों के रोने की आवाजें, महिलाओं की चीखें और यात्रियों में दहशत का माहौल फैल गया। चालक ने बस को अंदर की ओर मोड़कर समय रहते ब्रेक लगा दिए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
बस में सवार यात्रियों विजय कुमार, निर्मला, ब्रिजपाल और आरुषि ने बताया कि एक पल के लिए सबको लगा कि बस पलट जाएगी, लेकिन चालक की त्वरित प्रतिक्रिया ने सभी की जान बचा ली। हादसे के बाद बस चालक और कंडक्टर ने सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बस को सड़क पर वापस लाया गया।
स्थानीय लोग बोले-घुमावदार मोड़ों पर सुरक्षा बैरियर तक नहीं लगे
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मोड़ पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। सड़क बेहद संकरी है और घुमावदार मोड़ों पर सुरक्षा बैरियर तक नहीं लगे हैं। लोगों ने पीडब्ल्यूडी विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर इस बार चालक ने समझदारी नहीं दिखाई होती, तो दर्जनों लोगों की जान जा सकती थी। गनीमत रही कि बस खाई में नहीं गिरी — वरना यह सड़क एक और बड़ी त्रासदी की गवाह बन जाती।

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