'बुलेटप्रूफ गाड़ी से यूनिवर्सिटी में बदमाशी, यह कैसी कानून व्यवस्था...', दुष्यंत चौटाला ने नायब सरकार पर बोला हमला
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में हुई घटना क ...और पढ़ें

बुलेटप्रूफ गाड़ी से यूनिवर्सिटी में दिनदहाड़े बदमाशी, यह कैसी कानून व्यवस्था : दुष्यंत।
संवाद सूत्र, उचाना। कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यह साबित किया है, हरियाणा में उचाना के गांव अलीपुरा के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हरदीप गिल ने। 20 वर्ष पहले हरदीप के पिता का निधन हो गया था और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था।
ऐसे समय में हरदीप की मां संतरो देवी ने हार नहीं मानी। उनके परिवार में तीन बेटियां और दो वर्ष का बेटा हरदीप था। सीमित संसाधनों और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने परिवार का अच्छे से पालन-पोषण किया। उन्होंने सरकारी स्कूल में मिड डे मील वर्कर के रूप में काम करना शुरू किया।
इतना ही नहीं, स्कूल की छुट्टी के बाद वे खेतों में मजदूरी कर अपने बच्चों के भविष्य को संवारने में जुटी रहीं। मुश्किल हालातों में जीवन यापन करते हुए संतरो देवी ने बच्चों को मेहनत, ईमानदारी और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया। उनके संस्कारों का परिणाम है कि आज उनका बेटा हरदीप गिल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश सेवा के लिए तैयार है।
हरदीप गिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इग्नू से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने भी अपनी मां का हाथ बंटाया और खेतों में मेहनत मजदूरी की।
कठिन परिश्रम और अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाते हुए हरदीप ने भारतीय सेना में जाने का सपना संजोया और आखिरकार भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से कमीशन प्राप्त कर उन्होंने इसे साकार कर दिखाया। लेफ्टिनेंट हरदीप गिल की सफलता केवल उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र के लिए भी गर्व का विषय है।

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