हरियाणा: NCR से बाहर के ईंट भट्टों में पराली से बने ईंधन का करना होगा इस्तेमाल, इन जिलों के लिए नया नियम लागू
हरियाणा में पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। एनसीआर से बाहर के आठ जिलों में ईंट भट्टों में पराली आधारित बायोमास पेलेट का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बायोमास पेलेट के उपयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर के आठ जिलों में भी अब ईंट भट्टों में ईंधन के लिए पराली आधारित बायोमास पेलेट का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, सिरसा और यमुनानगर शामिल हैं। एनसीआर में शामिल 14 जिलों में पहले से ही पराली से बने ठोस ईंधन का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी किए थे, जिसके बाद गुरुवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने निर्देश जारी कर दिया। इसके साथ ही पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में स्थित ईंट भट्टों में बायोमास पेलेट का उपयोग अनिवार्य हो गया है।
बायोमास पेलेट एक प्रकार से ठोस ईंधन हैं जो लकड़ी, कृषि अवशेषों और अन्य चीजों को छोटे और बेलनाकार छर्रों का रूप देकर तैयार किया जाता है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेश नागर ने बताया कि गैर एनसीआर क्षेत्रों में सभी ईंट भट्टों में धान की पराली आधारित बायोमास पेलेट के 50 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी साल पहली नवंबर से न्यूनतम 20 प्रतिशत, एक नवंबर 2026 से 30 प्रतिशत, एक नवंबर 2027 से 40 प्रतिशत और एक नवंबर 2028 से न्यूनतम 50 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है।
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