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    Lok Sabha Elections 2024: राजनीतिक समीकरणों के कारण भाजपा नहीं देगी जजपा को भिवानी और हिसार, इस सीट पर बन सकती है सहमति

    Updated: Sun, 10 Mar 2024 04:23 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही समय बचा है। ऐसे में अब हर दल जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। कई जगह एनडीए गठबंधन और इंडी गठबंधन सीट शेयरिंग कर चुके हैं तो कुछ जगहों पर अभी बाकी है। हरियाणा में भाजपा और जजपा गठबंधन दो से तीन सीट मांग रही है लेकिन भाजपा देने के मूड में नहीं दिख रही है।

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    Haryana News: भाजपा नहीं देगी जजपा को भिवानी सीट, हिसार और सिरसा पर चल रहा विचार।

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। जिसकी उम्मीद नहीं, वह हो सकता है और जिसकी संभावना है, वह तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह (Brijendra Singh) के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के बाद जिस हिसार लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) पर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की मजबूत दावेदारी बन रही है, उसे भाजपा अपने सहयोगी दल के लिए छोड़ने को तैयार नजर नहीं आ रही है।

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    जेजेपी ने एनडीए का सहयोगी दल होने के नाते भाजपा (Haryana BJP) से हिसार के साथ-साथ भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटों (Bhiwani-Mahendragarh Lok Sabha Seats) पर अपनी दावेदारी जताते हुए यह सीटें मांगी हैं। हालांकि भाजपा की ओर से जेजेपी (JJP) को दो सीटें किसी सूरत में नहीं दी जाएंगी, लेकिन एक सीट देने पर भाजपा के भीतर मंथन चल रहा है।

    भाजपा के सूत्रों के अनुसार जेजेपी को भिवानी और हिसार (Bhiwani and Hisar) की बजाय सिरसा लोकसभा सीट (Sirsa Lok Sabha seat) की पेशकश की जा सकती है। हिसार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Deputy CM Dushyant Chautala) स्वयं इनेलो के टिकट पर सांसद रह चुके हैं, जबकि उनके पिता डा. अजय सिंह चौटाला (Ajay Singh Chautala) भिवानी में इनेलो के टिकट पर ही सांसद रहे हैं। इसी आधार पर दुष्यंत चौटाला ने भाजपा से इन दो सीटों की मांग की है।

    लेकिन भाजपा को लग रहा है कि यह दोनों सीटें उसके लिए जीतना बेहद आसान है, ऐसे में भाजपा ने संकेत दिए हैं कि जेजेपी को सिरसा लोकसभा सीट दी जा सकती है। सिरसा से कई बार इनेलो के सांसद चुनाव जीतकर आए हैं, लेकिन इनेलो के दोफाड़ होने के बाद सिरसा में डा. अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला की बजाय इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला व उनके बेटे प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला का ज्यादा प्रभाव है।

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    भाजपा यदि जेजेपी को सिरसा लोकसभा सीट देती है तो अजय सिंह और दुष्यंत चौटाला को अपने परिवार के सदस्यों के प्रबल विरोध का सामना करना पड़ेगा। सिरसा में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) भी हर हाल में किसी मजबूत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। ऐसे में चौटाला परिवार के सदस्यों के बीच राजनीतिक खींचतान कम होने की बजाय बढ़ती चली जाएगी।

    वैसे भी पिछले सप्ताह इंटरनेट मीडिया पर अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) व दुष्यंत चौटाला के आपसी खींचतान के वीडियो वायरल हुए हैं। विधानसभा में भी शराब के ठेकों को लेकर दोनों चाचा भतीजों में जबरदस्त जुबानी जंग हो चुकी है। ऐसे में भाजपा यदि जेजेपी को सिरसा सीट देकर अपनी राजनीतिक चाल में सफल होती है तो उसके कई निशाने एक साथ सधते नजर आ जाएंगे।

    अनुराग ठाकुर और राजनाथ सिंह कर रहे मध्यस्थता

    भाजपा व जजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) व राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा मध्यस्थता कराए जाने की खबर है। अभी तक दो बैठकें हो चुकी हैं और अगले सप्ताह में फिर से बैठक होने का अनुमान है। दूसरी तरफ, भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति व संसदीय बोर्ड की रविवार को नई दिल्ली में होने वाली बैठक स्थगित हो गई है।

    यह बैठक पिछले सप्ताहभर में तीसरी बार स्थगित हुई है। पहले छह मार्च को बैठक होनी थी, लेकिन इसे स्थगित कर आठ मार्च को तय किया गया। आठ मार्च को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के नई दिल्ली से बाहर होने की वजह से बैठक 10 मार्च को तय की गई, लेकिन अब इसे भी स्थगित कर दिया है। नई तारीख अभी तक घोषित नहीं हो पाई है।

    अब फैसले की गेंद जजपा के पाले में पहुंची

    भाजपा की प्रदेश इकाई के अलावा हरियाणा के प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब स्पष्ट तौर पर केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट में कह चुके हैं कि राज्य में भाजपा को किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने की जरूरत नहीं है। अभी तक पार्टी की ओर से की गई तैयारियों के हिसाब से भी भाजपा ने लोकसभा की सभी 10 सीटों को लेकर तैयारियां की हैं।

    सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में चुनावी कार्यालय खोल दिए गए हैं। सभी सीटों के संभावित प्रत्याशियों के पैनल बनाकर भी हाईकमान को भेजे जा चुके हैं। भाजपा की ओर से जजपा को सिरसा सीट की पेशकश के बाद अब गेंद जजपा के पाले में है। दूसरी तरफ, जजपा नेताओं का कहना है कि वे सिरसा की बजाय हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट के लिए ही अपना दावा जारी रखेंगे।

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