Updated: Tue, 30 Sep 2025 08:01 PM (IST)
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चौथी बार विधानसभा में विपक्ष के नेता बनने जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखकर हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाने की सूचना देंगे। हुड्डा पहले भी तीन बार इस पद पर रह चुके हैं। विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री के समान वेतन और भत्ते मिलते हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा में चौथी बार विपक्ष के नेता बनेंगे। हरियाणा कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह विधानसभा स्पीकर को चिट्ठी भेजकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाए जाने की सूचना देंगे, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से भूपेंद्र हुड्डा को विपक्ष का नेता बनाने संबंधी परिपत्र जारी किया जाएगा।
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हरियाणा में विपक्ष के नेता के वेतन और भत्तों के लिए विशेष कानून का प्रविधान है। कोठी, गाड़ी और सेवक के साथ कैबिनेट मंत्री का दर्जा नेता प्रतिपक्ष को दिया जाता है। 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के करीब एक साल बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 37 सदस्यीय विधायक दल का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया है।
हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी-सांपला किलोई विधानसभा सीट से छठी बार विधायक बने हैं। हुड्डा अबकी बार रिकeर्ड चौथी बार हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनेंगे। इससे पूर्व अगस्त 2002, सितंबर 2019 और नवंबर 2019 में भी हुड्डा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
सितंबर 2019 में वे मात्र करीब डेढ़ माह के लिए ही विपक्ष के नेता रहे थे। हुड्डा के अलावा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला दो बार हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। कानूनी मामलों के जानकार हेमंत कुमार के अनुसार, संसद के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के लिए अगस्त 1977 में कानून बनाया गया था, जबकि पडोसी राज्य पंजाब में वर्ष 1978 में ऐसा कानून अधिनियमित किया गया था।
वर्तमान में लोकसभा में राहुल गांधी, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे, पंजाब विधानसभा में प्रताप सिंह बाजवा उपरोक्त कानूनों के अंतर्गत संबंधित सदन में पदांकित नेता प्रतिपक्ष हैं। हरियाणा में विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम 1975 की धारा 2 (डी) में नेता प्रतिपक्ष को परिभाषित किया गया है, जिसका अर्थ है कि सदन का वह सदस्य, जिसे इस पद हेतु स्पीकर द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।
संबंधित कानून की धारा चार में नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्तों और अन्य सुविधाओं का विशेष उल्लेख किया गया है। इस पद पर आसीन नेता का दर्जा हरियाणा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के समकक्ष होता है। नेता प्रतिपक्ष का पद एक वैधानिक पद है। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष के वेतन व भत्तों पर इनकम टैक्स का भुगतान भी प्रदेश के सरकारी खजाने से किया जाता है।
आश्चर्य की बात यह है कि हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पदांकन संबंधी नोटिफिकेशन प्रदेश के सरकारी गजट में प्रकाशित नहीं की जाती। विधानसभा सचिवालय से प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य विभाग को पत्र भेजकर नेता प्रतिपक्ष के बारे में सूचित करने का प्रविधान लंबे समय से चला आ रहा है। एडवोकेट हेमंत कुमार ने विधानसभा स्पीकर से कहा है कि नेता प्रतिपक्ष के पदांकन की नोटिफिकेशन को सरकारी गजट में अनिवार्य रूप से प्रकाशित कराया जाना चाहिए।
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