नायब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर भूपेंद्र हुड्डा के नहीं थे हस्ताक्षर, CM ने बताया तो कांग्रेसियों ने जमकर किया हंगामा
हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर भारी हंगामा हुआ क्योंकि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि प्रस्ताव पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं थ ...और पढ़ें
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हरियाणा विधानसभा में जमकर हंगामा। फोटो सीएम एक्स
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में शुक्रवार को उस समय भारी हंगामा हुआ जब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन को बताया कि कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर ही नहीं हैं।
इस बात को लेकर सदन में करीब 15 मिनट तक भारी हंगामा हुआ। दोनों तरफ के विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विवाद बढ़ा तो विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने तल्ख लहजे में सभी विधायकों को सीटों पर बिठाया।
शुक्रवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि बृहस्पतिवार को 12.20 से 12.35 तक विधानसभा में पहली बार नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का स्वागत प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को सराहा और विपक्ष के नेता ने सकारात्मक बहस में भाग लेने का आश्वासन दिया।
इसके दो घंटे बाद ही कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दे दिया। नायब सैनी ने कहा कि उन्होंने जब प्रस्ताव पढ़ा तो आश्चर्य हुआ कि इस पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर ही नहीं थे।
नायब सैनी के यह कहते ही कांग्रेस के विधायक सीटें छोड़कर खड़े हो गए और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेस विधायकों ने तर्क दिया कि नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पर 18 विधायकों के हस्ताक्षर जरूरी थे, लेकिन इस पर 32 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए। दूसरी तरफ भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव सही है लेकिन सदन में गलत तरीके से बयान दिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने सीएम के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रस्ताव में तकनीकी खामी नहीं है। कांग्रेस के 18 विधायकों ने हस्ताक्षर किए हुए हैं। इसके बावजूद जानबूझकर गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। इस बीच सदन में दोनों तरफ से विधायकों का हंगामा जारी रहा।
विवाद बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने मोर्चा संभाला और दोनों तरफ के विधायकों तथा मंत्रियों को बैठाकर रूलिंग देते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरी सीटिंग से पहले कोई चर्चा या बहस नहीं होगी। इसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही को आगे बढ़ाया।

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